केदरनाथ में पांच जगह है घूमने लायक
केदरनाथ में पांच जगह है घूमने लायकweb

केदारनाथ के अलावा ये पांच खास जगहें भी है घूमने लायक, मिलेगा अलग अहसास और सुकून

केदारनाथ मंदिर चार धाम यात्रा में से एक है। जो उत्तराखंड के हिमालय पर्वत की गोद में बसा हुआ है। केदारनाथ हिमालय श्रृंखला के बीच एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।

नई दिल्ली रफ्तार डेस्क: केदारनाथ का नाम सामने आते ही लोगों के जहन में बर्फ से लदे हुए पहाड़ ,झड़ने और खूबसूरत वादियों के नजारे आने लगते हैं।  जिन लोगों को घूमने फिरने का शौक है। वह अपने जीवन में एक बार केदारनाथ जरूर जाएं।  केदारनाथ उत्तराखंड राज्य में स्थित खूबसूरत धार्मिक  शहर है। जो मंदाकिनी नदी के किनारे है।  यह केदारनाथ मंदिर के कारण काफी प्रसिद्ध है।  यह हिमालय श्रृंखला के बीच में स्थित हिंदुओं के चार धाम की यात्रा में से एक है। भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ मंदिर मनुष्य के मोक्ष का प्रवेश द्वार माना जाता है।  इसलिए यहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं।  केदारनाथ ऋषिकेश से लगभग 223 किलोमीटर की दूरी पर है। केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।  जिसकी ऊंचाई 3584 मीटर है। अगर आप केदारनाथ यात्रा का मन बना रहे हैं तो आप सिर्फ केदारनाथ ही नहीं बल्कि इसके आसपास भी कई फेमस जगहें  और खूबसूरत मंदिर वा पर्यटक स्थल है।  जहां आप परिवार के साथ आनंद ले सकते हैं।

सोनप्रयाग

केदारनाथ से लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित यह खूबसूरत  स्थान शानदार बर्फ से ढकी हुई चोटियों से घिरा हुआ है। यह  सोनप्रयाग जमीन से 1829 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।  जो एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। माना जाता है कि यहां पर भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। यहां पर मंदाकिनी नदी वासुकी नदी से मिलती है। ऐसा माना जाता है कि यहां व्यक्ति के मात्र एक जल स्पर्श से ही उसे बैकुंठ धाम प्राप्त हो जाता है। इसलिए केदारनाथ आए श्रद्धालु इस जगह पर जाना बिल्कुल नहीं भूलते।

वासुकी ताल झील

केदारनाथ से 8 किलोमीटर के ट्रैकिंग से वासुकी ताल झील पहुंचा जा सकता है।  केदारनाथ जाने वाले पर्यटकों के लिए वस्तुकी ताल आकर्षण का केंद्र बना रहता है। यहां का हिमालय पर्वत माला और शांति झील के आसपास का प्राकृतिक दृश्य पाठकों को काफी लुभाता है। इसके अलावा यहां आस-पास के इलाके ट्रैकिंग के लिए अच्छे जाने जाते हैं। वहीं इस ताल से पुरानी कथा भी जुड़ी है। कहते है कि भगवान विष्णु रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर इसी ताल में स्नान करने आए थे।  इसलिए इसका नाम वासुकी ताल पड़ा। पर्यटक और श्रद्धालु जब भी केदारनाथ आते है। तो इस वासुकी ताल को जरूर देखते हैं। 

गौरी कुंड

मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित गौरीकुंड सोनप्रयाग से 6 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। जो समुद्र तल से लगभग 2000 मीटर की ऊंचाई पर है। इस  स्थान को मोक्ष और आध्यात्मिक का प्रवेश द्वार माना जाता है। यहां वासुकी  गंगा की वजह से नजारा हरियाली भरा रहता है। जिससे यहां आए श्रद्धालु और पर्यटको को सुकून और शांति का अहसास मिलता है।

भैरवनाथ मंदिर

केदारनाथ से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित भैरवनाथ का मंदिर एक पहाड़ की चोटी पर स्थित है। भगवान भैरव भगवान शिव के मुख्य गढ़ थे। जिसके कारण केदारनाथ आने वाले श्रद्धालु इस मंदिर का दर्शन करना नहीं भूलते।  पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस मंदिर के दर्शन करने आए पर्यटक आसपास की हिमालय और नीचे की पूरी केदारनाथ घाटी में शानदार नजारे का लुप्त जरूर उठाते हैं।

त्रियुगीनारायण मंदिर

त्रियुगीनारायण एक गांव है जो सोनप्रयाग से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर एक भव्य और खूबसूरत त्रियुगीनारायण मंदिर है। जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है। माना जाता है कि इस स्थान पर भगवान शिव और देवी पार्वती को विवाह हुआ था। इस विवाह की सारी व्यवस्था भगवान विष्णु ने पार्वती माता के भाई के रूप में की थी। वहीं  भगवान ब्रह्मा एक पुजारी के रूप में मां पार्वती और भगवान शिव का विवाह करवाया था।  इसलिए भगवान विष्णु के सम्मान में त्रियुगीनारायण मंदिर बनाया गया था।

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