नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क: भारत के पंजाब राज्य में स्थित अमृतसर वह शहर है। जिसका इतिहास भारत की आजादी से जुड़ा हुआ है। भारत की आजादी के दौरान अनेक वीर सपूतों ने अपने प्राणों को त्याग कर भारत को आजाद करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह शहर सबसे बड़े दुखद नरसंहार जलियांवाला बाग जैसा हत्याकांड का भी साक्षी रहा है। इसके साथ ही अमृतसर अपनी सुंदरता और संस्कृति से आपको मनमोहित कर देगा। यहां के पर्यटन स्थल को देखने के लिए हर शाम लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं। अमृतसर पाकिस्तान की सीमा से कुछ किलोमीटर दूर है। लेकिन यहां की मेहमानदारी और प्यार आपका घर जैसा एहसास दिलाता है। अमृतसर सिखों का पवित्र सम्मानित स्थान है। इसलिए यहां आपको कई ऐसी चीज मिल जाएंगी जिनसे आपका दिल भर जाएगा। साथ ही आपको एक भारतीय होने पर गौरवान्वित महसूस होगा।
अमृतसर का गोविंदगढ़ किला अपने आपने एक ऐतिहासिक और प्राचीन किला है। इसका निर्माण 17वीं शताब्दी में महाराज गुर्जर सिंह भंगी ने करवाया था। यह किला काफी ज्यादा फेमस और हेरिटेज भी है यहां पर आपको कई ऐतिहासिक चीज देखने को मिल जाएंगी। ऐसे में अगर आप ऐतिहासिक चीज ने देखने का शौक है। तो आप गोविंदगढ़ किला जरूर जाएं।
गुलाम भारत के इतिहास में एक खूनी दास्तां जलियांवाला बाग से जुड़ी है। इसमें अंग्रेजों द्वारा भारतीयों पर किए गए अत्याचार और नरसंहार की दर्दनाक तस्वीरें दिखाता है। 13 अप्रैल 1900 वह काला दिन था। जब अंग्रेज जनरल डायर ने हजारों की संख्या में निर्दोष भारतीयों पर गोली बरसाई थी। जलियांवाला बाग में बच्चों महिलाओं और नौजवानों की लाशों को ढेर लगा दिए थे। आज भी यहां पर गोलियों के निशान है। अगर आप अमृतसर घूमने गए हैं। तो इस जगह को देखना बिल्कुल ना भूले यह आपको गौरव का एहसास दिलाएगा।
स्वर्ण मंदिर अमृतसर शहर के सबसे बड़े आकर्षणों के केंद्र में रहता है। इस मंदिर का पूरा नाम हरमिंदर साहब है। लेकिन लोग इसे स्वर्ण मंदिर या गोल्डन डबल के नाम से जानते हैं। यह मंदिर शहर के बीचो-बीच स्थित है। स्वर्ण मंदिर को देखने के लिए हर रोज हजारों की संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं। आपको बता दें यह गोल्डन टेंपल सिखों का सबसे धार्मिक केंद्र है।
अमृतसर में देखने वाली जगह में यहां का पार्टीशन म्यूजियम लाखों लोगों की कहानियां और अन्य तीन तथ्यों पर आपका ध्यान आकर्षित करता है। हाल ही में अमृतसर के एक टाउन हॉल के में ओपन किया गया था। ये पार्टिशियन म्यूजियम काफी पुराना है। सैलानी यहां भारत पाकिस्तान के बंटवारे के समय के कई अच्छे और बुरे दर्श्यो को देख सकते है।
बाघा बॉर्डर भारत पाकिस्तान बॉर्डर एकमात्र सड़क सीमा रेखा है। यहां सीमा चौकी के प्रवेश के द्वार को स्वर्ण जयंती गेट कहते हैं। बाघा बॉर्डर पर होने वाली परेड का गौरव का अहसास दिलाता है। इस परेड में भारत और पाकिस्तान दोनों जवान शामिल होते हैं। दोनों देशों के सैनिकों के बीच रिट्रीट सेरेमनी होती है। जहां लाखों संख्या में सैलानी पहुंचते हैं।
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