जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आदेश में बताया है कि ये किताबें झूठे विमर्श को बढ़ावा देती हैं, युवाओं को ब्रेनवॉश कर उन्हें भड़काती हैं। आतंकवाद और अलगावाद की प्रशंसा करती हैं।