सरकार अर्थव्यवस्था की सुस्ती स्वीकारने को तैयार नहीं, पांच ट्रिलियन का लक्ष्य मुश्किल : मनमोहन सिंह
सरकार अर्थव्यवस्था की सुस्ती स्वीकारने को तैयार नहीं, पांच ट्रिलियन का लक्ष्य मुश्किल : मनमोहन सिंह

सरकार अर्थव्यवस्था की सुस्ती स्वीकारने को तैयार नहीं, पांच ट्रिलियन का लक्ष्य मुश्किल : मनमोहन सिंह

सरकार अर्थव्यवस्था की सुस्ती स्वीकारने को तैयार नहीं, पांच ट्रिलियन का लक्ष्य मुश्किल : मनमोहन सिंह नई दिल्ली, 19 फरवरी (हि.स.)। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को कहा कि केन्द्र सरकार अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को स्वीकारने को ही तैयार नहीं है ऐसा ही रहा तो पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करना सपना बनकर रह जाएगा। दिल्ली में एक कार्यक्रम में पूर्व में योजना आयोग के अध्यक्ष रहे मोंटेक सिंह अहलूवालिया की पुस्तक ‘बेकस्टेज’ का विमोचन करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि उनकी पुस्तक में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के मजबूत और कमजोर बिंदुओं पर काफी कुछ लिखा गया है। मनमोहन ने कहा कि वर्तमान सरकार आर्थिक गतिविधियों में आई कमी को स्वीकारने को ही तैयार नहीं है। उन्हें लगता है कि यह देश के लिए बेहद अच्छी स्थिति नहीं है। अगर समस्या की पहचान ही नहीं की जाएगी तो उसका निदान भी नहीं खोजा जा सकता। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे अहलुवालिया ने अपनी पुस्तक में आर्थिक परिस्थितियों का भी गहन विश्लेषण किया है। उनके अनुसार सरकार के दावे कुछ भी हों लेकिन 2024-25 तक तीन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना वास्तविकता से परे आशाओं में जीने जैसा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश की अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने के लिए दूसरे चरण के बड़े रिफार्म की जरूरत है। यह केवल मजबूत चर्चा से ही संभव है। विकास दर में वृद्धि के लिए जरूरी है कि राजकोषीय घाटा कम किया जाए। वर्तमान में केन्द्र और राज्यों को मिलाकर कुल राजकोषीय घाटा 9 प्रतिशत पर है। मनमोहन सिंह ने कहा कि देश में लिब्रलाइजेशन से जुड़े रिफोर्म करना आसान नहीं था। उन्होंने वित्तमंत्री के तौर पर सरकार पर रुपये की कीमत घटाने का दवाब डाला और वह तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव का शुक्रिया मानते हैं कि वह उनके साथ खड़े रहे। हिन्दुस्थान समाचार/अनूप/सुनीत-hindusthansamachar.in

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