लॉकडाउन अवधि में निलंबन आदेश व अन्य विविध कार्यों की समीक्षा नहींः सरकार
लॉकडाउन अवधि में निलंबन आदेश व अन्य विविध कार्यों की समीक्षा नहींः सरकार

लॉकडाउन अवधि में निलंबन आदेश व अन्य विविध कार्यों की समीक्षा नहींः सरकार

लॉकडाउन अवधि में निलंबन आदेश व अन्य विविध कार्यों की समीक्षा नहींः सरकार नई दिल्ली, 31 मार्च (हि.स.)। लाॅकडाउन की अवधि में निर्धारित अवधि से पहले निलंबन आदेश और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के नोटिस जैसे अन्य कार्यों की समीक्षा नहीं की जाएगी। कार्मिक मंत्रालय ने अपने एक आदेश में यह बात कही है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी के फैलाव को रोकने के लिए पिछले सप्ताह 21 दिन का देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसे देखते हुए कार्मिक मंत्रालय ने कहा है कि कोविड-19 के फैलने के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति पर विचार करते हुए केंद्रीय लोक सेवा नियम 1965 और केंद्रीय लोक सेवा (पेंशन) नियम 1972 में निर्दिष्ट समय-सीमा का पालन करना संभव नहीं है। मंत्रालय ने कहा है कि उदारहण के लिए लॉकडाउन शुरू होने पर किसी प्रक्रिया या कार्य को पूरा करने की निर्धारित तारीख 20 दिनों के बाद आती है तो नियत तारीख लॉकडाउन के दौरान स्थगित रहेगी और लॉकडाउन हटाए जाने के बाद 20 दिन काम पूरा करने के लिए उपलब्ध रहेंगे। इसमें यह भी कहा गया है कि लॉकडाउन हटाए जाने के बाद अगर काम पूरा करने में 15 दिन से कम समय लगने वाला हो तब प्रक्रिया को 15 दिन के भीतर पूरा करने की अनुमति दी जा सकती है। मंत्रालय ने कहा कि किसी आरोपित अधिकारी द्वारा आरोपपत्र पर बचाव में लिखित बयान प्रस्तुत करने और अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के लिए अनुशासनात्मक प्राधिकरण द्वारा निर्णय लेने के बाद चार्जशीट जारी करने के वास्ते अवधि समाप्त होने से पहले निलंबन आदेश की समीक्षा के लिए समयसीमा निर्धारित की गई है। जांच प्राधिकार द्वारा जांच पूरी करने, रिपोर्ट पेश करने और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के नोटिस की स्वीकृति एवं अन्य कार्यों के लिए समय-सीमा तय है। मंत्रालय ने सभी सरकारी विभागों को जारी आदेश में कहा है कि जहां सीधी भर्ती, प्रतिनियुक्ति आदि के लिए आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि लॉकडाउन की अवधि के दौरान आती है, ऐसी स्थिति में अंतिम तिथि को लॉकडाउन के दिनों की संख्या के आधार पर बढ़ाया जाएगा। इसमें कहा गया है कि इसी प्रकार सीसीएस आचार नियम 1964 में निर्धारित सीमा को विभिन्न प्रयोजनों के लिए लॉकडाउन के दिनों की संख्या के आधार पर बढ़ाया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार /रवीन्द्र मिश्र/बच्चन-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in