योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार - राज्यपाल
योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार - राज्यपाल

योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार - राज्यपाल

जयपुर, 20 जून (हि.स.)। राज्यपाल कलराज मिश्र ने अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून पर प्रदेशवासियाें को शुभकामनाएं दी हैं। राज्यपाल मिश्र ने कहा है कि योग लोगों को जोड़ता है। योग और योगाभ्यास की दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मिश्र ने कहा कि योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह मानसिक और शारीरिक एकता का प्रतीक है। मनुष्य और प्रकृति के बीच भी योग सामंजस्य बनाता है। हमारी बदलती जीवन-शैली में योग चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में योग की महत्वपूर्ण भूमिका है। हमें प्रकृति से जुड़े रहना है और प्रकृति की प्रगति के साथ जीना है। कोरोना महामारी को योग और यौगिक क्रियाओं से हम मात दे सकते हैं। विधानसभा अध्यक्ष की शुभकामनाएं : विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। डॉ. जोशी ने कहा है कि योग आध्यात्मिक, अनुशासन व सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित ज्ञान है। योग, मन और शरीर के बीच सामन्जस्य स्थापित करता है। यह जीवन को स्वस्थ रखने की कला एवं विज्ञान है। योग जीवन के सभी पहलुओं में सामन्जस्य बैठाता है। जीवन शैली में योग, स्वास्थ्य प्रबन्धन के लिए जाना जाता है। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप / ईश्वर-hindusthansamachar.in

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