मुख्यमंत्री को किसानों के बारे में कुछ भी बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है : भाजपा
मुख्यमंत्री को किसानों के बारे में कुछ भी बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है : भाजपा

मुख्यमंत्री को किसानों के बारे में कुछ भी बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है : भाजपा

किसान विरोधी ही किसानों को विरोध के लिए प्रेरित कर रहे हैं रायपुर,8 दिसंबर (हि.स.)। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने किसानों के हित में दूरगामी योजनाओं को ध्यान में रखते हुए बेहतर कृषि बिल लाया है जिसका विरोध ऐसे लोग कर रहे हैं जो हमेशा किसानों के विरोधी रहे हैं। किसानों के हितकर वो होते तो किसानों के हित में देश की आजादी के बाद से ही बेहतर नीति बनाते जिसका परिणाम बहुत पहले ही देखने को मिलता लेकिन जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों के हितों को लेकर संकल्पवान हैं तो कुछ लोग केवल अपनी सियासी ज़मीन को लेकर चिंतित हैं। नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रदेश के किसानों की चिंता करनी चाहिए लेकिन इन सबसे दूर वे दूसरे राज्यों पर सवाल उठाकर अपनी नाकामी को छिपाना चाहते हैं जिसे प्रदेश की जनता भली भांति समझ रही है। श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश में हो रही लगातार किसानों की आत्महत्या के लिए सरकार अपनी जिम्मेदारी से दूर भाग रही है। किसानों के हितों की बात करके अब तक बोनस की किश्त नहीं दे पा रही है। अब प्रदेश की सरकार को किसानों को लेकर कुछ भी बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ केन्द्र की सरकार सार्थक संवाद करना चाहती है लेकिन कुछ लोग केवल अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए बातचीत को सफल नहीं होना देना चाहते और पूरे देश का ध्यान इस मामले में भटकाकर अपनी राजनैतिक रोटी सेंक रहे हैं। बंद सियासी लाभ के लिए रहा है इसमें किसान, आमजन की कोई सहभागिता नहीं रही है। हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा-hindusthansamachar.in

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