मजदूरों को कार्यस्थल पर छोड़ ठेकेदार रफूचक्कर, रोटी-पानी के लाले

मजदूरों को कार्यस्थल पर छोड़ ठेकेदार रफूचक्कर, रोटी-पानी के लाले

मजदूरों को कार्यस्थल पर छोड़ ठेकेदार रफूचक्कर, रोटी-पानी के लाले अल्मोड़ा, 25 मार्च (हि.स.)। देश में सम्पूर्ण लॉक डाउन की घोषणा के पहले दिन जनजीवन अस्त व्यस्त नजर आया। हालांकि राशन, सब्जी और दूध की दुकानें खुली होने से लोगों का राहत जरूर मिली है लेकिन घर से बाहर रह रहे मजदूर वर्ग को इस लॉक डाउन के शुरुआत में ही कई परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। कई पशुपालक भी चारा नहीं होने की बात कहते हुए इसकी उम्मीद में कंट्रोल रूम में पहुंचे । ऐसे ही कई परेशान लोग जिला कार्यालय द्वारा स्थापित कंट्रोल रूम में देखने को मिले, जहां यातायात काउंटर पर कई लोग घर जाने के लिए पास बनवाने के इंतजार में दिखाई दिए। मेडिकल कॉलेज से आए मजदूर जिशांन और फिरोज सहित उनके 11 साथियों ने बताया कि ठेकेदार अपने घर चला गया है और वह कार्यस्थल पर रह गए हैं। उनके पास न तो खाने का सामान है और न ही पैसा। वह चाहते हैं कि जब यहां काम ही नहीं है तो वह अपने घर चले जाएं लेकिन वाहन नहीं होने से वह घर नहीं जा पा रहे हैं। मदद के रूप में कोई अपनी गाड़ी उन्हें देने को तैयार हैं लेकिन वह पास की उम्मीद में आ रहे हैं। यदि उन्हें पास मिल जाए तो वह अपने घर बरेली जा सकते हैं। बहेड़ी जाने के लिए पास की उम्मीद में आ रहे नत्थूलाल ने कहा कि वह अल्मोड़ा में मजदूरी करते हैं लेकिन अब काम ही नहीं है और वह खाली बैठे हैं। परिवार को भी उनकी चिंता हो रही है। ऐसे में उन्हें पास मिल जाता तो वह भी अपने परिवार के साथ बरेली चले जाते। अल्मोड़ा में एक दुकान में काम करने वाले युवक ने बताया कि उन्हें किच्छा जाना है और उनके पिता का इंतकाल हो गया है। वह भी पास की उम्मीद में आये हैं। दुगालखोला से आए एक व्यक्ति का कहना था कि उसके पास चार गाये हैं। पशुपालन ही उसका पेशा है लेकिन अब गायों के लिए भूसा खत्म हो गया है और अल्मोड़ा में उन्हें भूसा नहीं मिल रहा है। ऐसे में यदि उन्हें पास मिल जाए तो वह हल्द्वानी से भूसा लाना चाह रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/प्रमोद जोशी-hindusthansamachar.in

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