बड़ी उत्सुकता व जिज्ञासा से देखा सूर्यग्रहण का नजारा
बड़ी उत्सुकता व जिज्ञासा से देखा सूर्यग्रहण का नजारा

बड़ी उत्सुकता व जिज्ञासा से देखा सूर्यग्रहण का नजारा

अजमेर, 21 जून(हि.स.)। राजस्थान में रविवार को अमावस के दिन सूर्यग्रहण के नजारे को छोटे से लेकर बड़ों तक ने बड़ी जिज्ञासा और उत्सुकता से देखा। सूर्य ग्रहण शुरू होते ही एकाएक तापमान में कमी हुई और चिलचिलाती धूप के स्थान पर शाम जैसा नजारा हो गया। धूप की किरणों का जैसे तेज ही समाप्त हो गया सा लगा। अजमेर के तीर्थराज पुष्कर में तो साल के सबसे बड़े सूर्यग्रहण का अनोखा नजारा दिखाई दिया। करीब आधा घंटे तक आसमान में धूप नदारद हो गई और हलकी कालिमा दिखाई दी। शहर के कई हिस्सों में लोगों ने इस नजारे को देखा। इस दौरान सूर्य की किरणें लुप्त हो गई और अंधकार के बीच कटा हुआ सूर्य नजर आया। शहर के मंदिरों और तीर्थराज पुष्कर में मंदिरों के कपाट बंद रहे और आंशिक आवाजाही के बीच सड़कों पर सन्नाटा पसरा नजर आया। तीर्थराज पुष्कर में जगतपिता ब्रह्मा जी के मंदिर से लेकर सभी छोटे बड़े मंदिर कोरोना काल में बंद के चलते सूर्यग्रहण के दौरान भी बंद रहे। सूर्यग्रहण के पश्चात पवित्र पुष्कर सरोवर में स्नान की परम्परा रही है किन्तु कोरोना काल में पुष्कर सरोवर में स्नान अथवा आस्था की डुबकी लगाने के लिए प्रशासनिक छूट नहीं दी गई। इसके इतर पुष्कर के सभी 52 घाटों पर पुलिस, पुलिस मित्र एवं सरकारी कर्मचारी पहरेदारी करते नजर आए। सूर्यग्रहण की शुद्धि के लिए भी लोगों को सरोवर में जाने की इजाजत नहीं दी गई बल्कि तीर्थ पुरोहितों को आंशिक रूप से पूजा पाठ एवं सरोवर के जल के छीटें लगाने की सहमति दी गई। पुष्कर की उपखंड अधिकारी देविका तोमर ने स्पष्ट किया कि पुष्कर आने की कोई रोक नहीं है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार सरोवर में सार्वजनिक स्नान पर रोक लगा रखी है। संभवतः यह पहला मौका है जब किसी ग्रहण के बाद शुद्धि के लिए श्रद्धालु पुष्कर पवित्र सरोवर में डुबकी न लगा पाए हो। हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

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