पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी ने आत्मसमर्पित नक्सलियों को बताया गद्दार
पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी ने आत्मसमर्पित नक्सलियों को बताया गद्दार

पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी ने आत्मसमर्पित नक्सलियों को बताया गद्दार

कोरोना संक्रमण से बचाव में केंद्र और राज्य सरकार पर विफल होने का लगाया आरोप दंतेवाड़ा, 08 अक्टूबर (हि.स.)। नक्सलियों के पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी के सचिव मोहन ने पर्चा जारी कर कोरोना संक्रमण से बचाव में केंद्र और राज्य सरकार को विफल बताया है। मोहन ने बुद्धिजीवियों, मानवाधिकार आयोग, पत्रकारों और लेखकों से अपील की है कि वह एकजुट होकर इन सभी के खिलाफ आवाज बुलंद करें और न्यायिक जांच कर दोषी जवानों एवं आत्मसमर्पित गद्दारों मनेष, गोपी, मलेश, दिनेश, मंगल, टीरा सन्नू, अर्जुनबड़से, भीमा और सागर इन सभी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाये एवं नक्सल उन्मूलन के नाम से चल रहे गश्ती अभियान को शीघ्र बंद करें। पश्चिम बस्तर डिवीजन की ओर से गुरुवार को जारी विज्ञप्ति में दंतेवाड़ा और बीजापुर पुलिस अधीक्षक पर आरोप लगाया गया है कि डीआरजी, सीआरपीएफ व अन्य बाहर से पुलिस जवानों को बुलाकर गांवों में कोरोना संक्रमण फैलाने का काम कर रहे हैं। विज्ञप्ति में जुलाई से लेकर अब बीजापुर दंतेवाड़ा जिले में हुए मुठभेड़ का जिक्र करते फर्जी बताने के साथ मारे गए कथित लोगों को निर्दोष ग्रामीण कहा है। साथ ही अपने पर्चे के माध्यम से उसने कहा कि शासन -प्रशासन नक्सली उन्मूलन नहीं बल्कि मूलवासी उन्मूलन अभियान चला रही है। आदिवासी इलाकों में महिलाओं के साथ छेड़छाड़, दुर्व्यवहार, मारपीटव एवं अत्याचार की घटनाएं लगातार जारी है। डीआरजी के जवानों के द्वारा अंदरूनी ग्रामीण इलाकों में ग्रामीणों के दैनिक आवश्यकताओं की सामग्री की लूटपाट की जा रही है, साथ ही भूपेश सरकार माओवादी पार्टी के नेतृत्व में चल रहे जल जंगल और जमीन के जन आंदोलन को विफल करने में लगी है। इसके लिये भूपेश बघेल की सरकार लोन वर्राटू अभियान को चला रही है। हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे-hindusthansamachar.in

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