परिंदों के संरक्षण के लिए ग्राम स्तर पर बना रहे हैं चिड़िया-मितान
परिंदों के संरक्षण के लिए ग्राम स्तर पर बना रहे हैं चिड़िया-मितान

परिंदों के संरक्षण के लिए ग्राम स्तर पर बना रहे हैं चिड़िया-मितान

कोण्डागांव, 01 अगस्त (हि.स.)। परिंदों के शिकार पर नकेल कसने के लिये केशकाल वनमण्डल द्वारा अभिनव पहल के तहत वनग्रामों के छात्र-छात्राओं को चिडियों के संरक्षण के लिये चिड़िया-मितान द्वारा प्राकृतिक धरोहरो को संरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। इस पहल में सर्वप्रथम ग्राम दिगानार के 08वीं कक्षा में अध्ययनरत 15 वर्षीय अनित पिता जयाराम को प्रथम चिड़िया मितान बनाया गया है। विदित हो कि प्राचीन समय में वनवासी प्राकृतिक शक्तियों एवं पशु-पक्षियों में ईश्वर का वास मानकर उनकी पूजा किया करते थे, परन्तु समय के साथ अज्ञानतावश उन्होंने प्राकृतिक शक्तियों को ही नुकसान पहुंचाना प्रारंभ कर दिया। इसी का एक उदाहरण है कि लोगों ने पक्षियों का शिकार वनों में करना प्रारम्भ कर दिया। परिंदों का शिकार विभिन्न प्रायोजनों से कई लोगों द्वारा वनो में किया जाता है। इन प्रायोजनों में परिंदों के विक्रय, खाने के लिये एवं दवाईयों हेतु किया जाना शामिल है। वनमण्डलाधिकारी धम्मशील गणवीर ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि एक सुबह फरसगांव परिक्षेत्र में गश्त में निकले थे, इस दौरान उन्होने ग्राम दिगानार के समीप एक बालक के हाथों में गुलेल एवं उसकी गोलियां देखी। बालक से पूछने पर उसने बताया कि गांव के ज्यादातर बच्चे और बड़ों द्वारा प्राय: चिडियों का शिकार किया करते हैं। इस पर वनमण्डलाधिकारी द्वारा बच्चे को चिडियों द्वारा वनों को होने वाले लाभ जैसे एक पेड़ से दूसरे पेड़ों तक परागकणों का स्थानांतरण, बीजों का अन्य स्थानों पर छिड़काव और जैव विविधता के संरक्षण में परिंदों की भूमिका आदि के संदर्भ में बताया गया, जिससे प्रेरित होकर बालक के द्वारा परिंदों के संरक्षण में सहयोग की मंशा जताई गई। इस बालक का नाम अनित था, जिसके संकल्प को प्रोत्साहित करने के लिये वनमण्डलाधिकारी द्वारा अनित को प्रथम चिड़िया-मितान बनाया गया। साथ ही इसे एक अभियान का रूप देकर केशकाल वनमण्डल के अन्तर्गत परिंदों को शिकार नही कर उनके संरक्षण के लिए चिड़िया-मितान बनाने के लिये अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के द्वारा लोगों को परिंदों के शिकार से रोकना ही नहीं अपितु उनके व्यवहार में परिवर्तन के द्वारा सभी प्रकार के परिंदों के संरक्षण का प्रयास किया जा रहा है। चिड़िया मितान वनअमलों द्वारा ग्राम स्तर पर बनाये जायेंगे। चिड़िया-मितान ग्रामवासियों को परिंदों के संरक्षण के प्रति जागरूक कर उनके गुलेल एवं मिट्टी की गोलियों एवं तीर कमानों को जमा कराया जायेगा। चिड़िया-मितान बनने हेतु इच्छुक छात्र-छात्राएं मोबाईल नम्बर 9424292516 पर सम्पर्क कर सकते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/राकेशपांडे-hindusthansamachar.in

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