धान खरीदी उपकेंद्र की मंजूरी मिलते ही दुगली में खरीद प्रारंभ, क्षेत्र के किसानों को मिली बड़ी राहत
धान खरीदी उपकेंद्र की मंजूरी मिलते ही दुगली में खरीद प्रारंभ, क्षेत्र के किसानों को मिली बड़ी राहत

धान खरीदी उपकेंद्र की मंजूरी मिलते ही दुगली में खरीद प्रारंभ, क्षेत्र के किसानों को मिली बड़ी राहत

वर्षों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी होने पर किसानों ने सरकार का माना आभार धमतरी, 04 दिसंबर ( हि. स.)। प्रदेश सरकार द्वारा आदिवासी बाहुल्य ग्राम दुगली में धान खरीदी उपकेंद्र की स्थापना की स्वीकृति मिलने से क्षेत्र के किसानों को बड़ी राहत मिली है। एक ओर जहां किसानों की वर्षों पुरानी बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हुई। वहीं जिला प्रशासन द्वारा फौरी तौर पर कार्रवाई करते हुए किसानों से धान खरीदना प्रारंभ कर दिया गया। शासन के इस निर्णय से छह ग्राम पंचायतों के 12 ग्रामों के 664 पंजीकृत किसान लाभाविंत हुए हैं। नगरी विकासखंड के दुगली क्षेत्र के किसानों को अपना धान बेचने के लिए पहले गट्टासिल्ली, फिर ग्राम डोंगरडुला में समिति खुलने से वहां जाना पड़ता था। दुगली क्षेत्र के किसानों को धान बेचने के लिए लगभग 10 से 20 किलोमीटर का फासला तय करना पड़ता था। केंद्र तक जाने के लिए सुबह से जाना, फिर भीड़ में लाइन लगकर टोकन कटाना, किसी कारण से तौलाई नहीं हो पाने की स्थिति में अपने धान की रखवाली करते हुए रातभर रूकने जैसी समस्या से किसानों को दो-चार होना पड़ता था। ऐसी अनेक दिक्कतों के चलते पिछले कुछ दिनों से किसान यहां उपकेंद्र खोलने अपनी मांग शासन-प्रशासन से करते रहे। ग्रामीणों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए खाद्य मंत्री ने बुधवार दो दिसंबर को किसानों की वर्षों पुरानी समस्या को देखते हुए यहां उपकेंद्र खोलने की स्वीकृति दे दी। इससे किसानों में काफी हर्ष व्याप्त है। कलेक्टर के निर्देशानुसार गुरुवार से धान-खरीदी शुरू हो गई। उपकेंद्र में चार दिसंबर को अपना धान बेचने आए ग्राम पंचायत कौहाबाहरा के किसान अनूपचंद वट्टी ने बताया कि उन्होंने 15.20 क्विंटल धान दुगली समिति में बेचा। पहले धान बेचने के लिए वे 12 किलोमीटर दूर डोंगरडुला सहकारी समिति में जाते थे। किराए के वाहन में कट्टे लादकर इतनी दूरी तय करना और उसे अनलोड कराने के बाद कड़ी धूप में अपनी बारी का इंतजार करना बेहद दुखदायी होता था। इस उपकेंद्र के खुलने से उनकी सालों पुरानी बहुप्रतीक्षित मांग को प्रदेश सरकार ने साकार किया है, जिसका फायदा क्षेत्र के किसानों को होगा। दुगली उपकेंद्र में ग्राम मोहमल्ला के किसान रमेश वट्टी ने बताया कि उन्होंने 21.60 क्विंटल धान बेचा। पहले धान का परिवहन करने, टोकन के लिए भीड़ में लंबी कतार लगाने और फिर तौलाई के लिए काफी इंतजार करने में परेशानी होती थी। देवसिंह ने 30.40 क्विंटल धान यहां बेचा। समिति प्रबंधक रामेश्वर साहू ने बताया कि नव-स्थापित दुगली उपकेंद्र में छह ग्राम पंचायतें आती हैं, जिनमें ग्राम पंचायत कौहाबाहरा, दुगली, कोलियारी, मुनईकेरा, गुहाननाला तथा बांधा शामिल हैं। इनके 12 आश्रित ग्राम भी हैं। ग्राम पंचायत कोलियारी, गुहाननाला, दुगली के अलावा ग्राम पंचायत मुनईकेरा के आश्रित ग्राम देवगांव व दिनकरपुर, कौहाबाहरा के आश्रित ग्राम पालगांव और केरामुड़ा, ग्राम पंचायत बांधा के आश्रित ग्राम मोहमल्ला (माल.) और मोहमल्ला (रैयत) सम्मिलित हैं। दुगली उपकेंद्र में कुल 664 पंजीकृत किसान हैं तथा कुल पंजीकृत रकबा 886.46 हेक्टेयर है। इसमें 266 सीमांत किसान हैं जिनकी धान की फसल का रकबा 186.69 हेक्टेयर, 297 मध्यम कृषकों का रकबा 438.01 हेक्टेयर तथा 101 दीर्घ कृषक हैं जिनका रकबा 261.76 हेक्टेयर है। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन-hindusthansamachar.in

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