त्रिपुरा में वामपंथी अपने शासन में एक कम्युनिस्ट रीढ़ बनाना चाहते थे : बिप्लब
त्रिपुरा में वामपंथी अपने शासन में एक कम्युनिस्ट रीढ़ बनाना चाहते थे : बिप्लब

त्रिपुरा में वामपंथी अपने शासन में एक कम्युनिस्ट रीढ़ बनाना चाहते थे : बिप्लब

अगरतला, 21 दिसम्बर (हि.स.)। त्रिपुरा में कम्युनिस्टों के लंबे शासन के तहत वे एक कम्युनिस्ट रीढ़ बनाना चाहते थे। शिक्षा को लेकर त्रिपुरा का हाल बयां करते हुए त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव कुछ इस तरह से वामपंथियों पर निशाना साधा। सोमवार को उन्होंने दक्षिण त्रिपुरा जिला के बिलोनिया हृष्यमुख में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा आयोजित शहीद स्मरण रैली में हिस्सा लेते हुए त्रिपुरा में शिक्षा की व्यवस्था पर दुख जताया। साथ ही रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में सरकार आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रही है। एक ओर मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में विकास का मार्ग तेजी से बढ़ रहा है। दूसरी ओर, उनकी विचारधारा की सरकार त्रिपुरा को विकास के पथ पर आगे ले जा रही है। उन्होंने दावा किया कि देश के अन्य राज्यों की तरह त्रिपुरा में भी लोगों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति भरोसा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा, मैं हृष्यमुख में आयोजित शहीद स्मरण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी के प्रति लोगों के उत्साह को देखकर बहुत खुश हूं। मैं इस बात से आश्वस्त हूं कि हमारी सरकार विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के पद संभालते हुए नरेंद्र मोदी के साहसी निर्णय का विवरण दिया। उन्होंने कहा कि तीन तलाक की प्रथा अल्पसंख्यक माताओं और बहनों के लिए अभिशाप थी। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें उस अभिशाप से मुक्त कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि अगर कोई महिला अधिकारों को सुनिश्चित करती है, तो वह नरेंद्र मोदी सरकार करती है। बिप्लब देव ने विभिन्न जनकल्याणकारी योजनायों में बाधा डालने के लिए वाम दलों की खिंचाई की। उन्होंने कहा कि जब जनधन खाता शुरू किया गया था, तब कम्युनिस्टों ने यहां गलत प्रचार किया था। वे नहीं चाहते थे कि पैसा सीधे दिल्ली से आम लोगों के खातों में आए। क्योंकि यह कम्युनिस्टों की आय को रोक देगा। इसलिए वे भ्रम फैला रहे थे। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने धमकी दी थी कि अगर लोगों का जनधन खाता नहीं खोला तो वह सरकारी परियोजनाओं के लिए फंडिंग काट देगी। तब जाकर त्रिपुरा में जनधन खाता खुलना शुरू हुआ। आज हर व्यक्ति के बैंक खाते को सुरक्षित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने वामदलों पर निशाना साधते हुए कहा कि कृषक सम्मान निधि योजना के माध्यम से त्रिपुरा में हजारों किसानों के खाते में प्रति वर्ष 6,000 रुपये पहुंच रहे हैं। पिछली सरकार नहीं चाहती थी कि किसानों की आय दोगुनी हो। क्योंकि, अगर किसानों की आय दोगुनी हो जाती, तो उनके आंदोलन की रेखा और छोटी हो जाती। भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागू किया गया है। उन्होंने दावा किया कि आज पूरे दक्षिणी जिले में विकास कार्य चल रहे हैं। लॉजिस्टिक हब, इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट, एसईजेड विकसित किया जा रहा है। इसके जरिए यहां पर 2,000 करोड़ रुपये का व्यापार होगा। यह लगभग दो लाख लोगों के लिए रोजगार का सृजन करेगा। उनका कहना है, शिक्षा राष्ट्र की रीढ़ की हडडी है। लेकिन, त्रिपुरा में कम्युनिस्टों के लंबे शासन के तहत वे एक कम्युनिस्ट रीढ़ बनाना चाहते थे। अतः शिक्षा प्रणाली पीछे छूट गई। आज ऐसा नहीं है। हम सभी मामलों में सर्वश्रेष्ठ त्रिपुरा के निर्माण की ओर बढ़ रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ संदीप/ अरविंद-hindusthansamachar.in

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