तनख्वाह ने मिलने से शिक्षक नहीं करा पा रहा इलाज, आदिवासी समाज ने कलेक्टर सरगुजा को सौंपा ज्ञापन
तनख्वाह ने मिलने से शिक्षक नहीं करा पा रहा इलाज, आदिवासी समाज ने कलेक्टर सरगुजा को सौंपा ज्ञापन

तनख्वाह ने मिलने से शिक्षक नहीं करा पा रहा इलाज, आदिवासी समाज ने कलेक्टर सरगुजा को सौंपा ज्ञापन

अम्बिकापुर, 28 सितंबर (हि.स.)। एक शिक्षक तनख्वाह न मिलने के कारण इलाज कराने दिल्ली नहीं जा पा रहा है, तनख्वाह मांगी तो नौकरी से निकालने की धमकी भी मिली। यह स्थिति सरगुजा जिला के अम्बिकापुर में संचालित प्रयास आवासीय विद्यालय की है। शिक्षकों को वेतन न मिलने व विद्यालय में अव्यवस्था की शिकायत कलेक्टर से करते हुए आदिवासी समाज ने सोमवार को ज्ञापन सौंपा है। कलेक्टर सरगुजा सहित अन्य को ज्ञापन देने वालों में सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग अध्यक्ष सरगुजा अभिषेक कुमार पावले, नरेश मरावी, अमृत मरावी कार्यकारी अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज सरगुजा, राजीव पैकरा व अन्य ने बताया कि जशपुर का मनीष मिश्रा 2018 से शासकीय प्रयास आवासीय विद्यालय अम्बिकापुर में विषय गणित के शिक्षक पद पर कार्यरत है। उसे जनवरी 2020 से वर्तमान तक लगभग 8 माह से वेतन अप्राप्त है। शिक्षक गम्भीर बीमारी एंकिलॉजिंग स्पोंडिलो आर्थराइटिस से पीड़ित है। उसके इलाज के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से राशि स्वीकृत की गई है, जिसमें पूरा इलाज गंगा राम अस्पताल न्यू राजेंद्र नगर नई दिल्ली को स्वीकृत है, लेकिन उसे 2020 से वेतन नहीं मिलने कारण दिल्ली जाकर अपना इलाज कराने मे असमर्थ है। यह बीमारी दिन- प्रति दिन बढ़ती जा रही है, जिसकी जानकारी शिक्षक ने अपने उच्च अधिकारियों को दे दी है। इस संबंध में शिक्षक ने प्रयास के फ्रेंचाइजी ऑनर अरुण उपाध्याय से बात किया लेकिन तनख्वाह देने की बजाए नौकरी से निकाल देने एवं छत्तीसगढ़ के किसी भी प्रयास आवासीय विद्यालय में काम ना करने की धमकी दी गई। उच्च अधिकारियों के पास शिकायत ना करने हिदायत भी दी गई जिसके कारण शिक्षक तथा उसके बुजुर्ग माता पिता जो कि उस पर आश्रित हैं, डरे सहमे से महसूस कर रहे हैं तथा पूरा परिवार अर्थिक परेशानी के साथ मानसिक तनाव में है। उन्होंने बताया कि फ्रेंचाइजी संस्था द्वारा अब तक पीएफ एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं की हैं, जो एक फर्म द्वारा अपने कर्मचारियों को प्रदान किया जाता है। कलेक्टर को दिए ज्ञापन में शिक्षकों ने बताया कि संस्था को आदिवासी बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना है लेकिन प्रयास उनके लिए कमाई का जरिया बन गया है। उन्होंने बताया कि यहां काम कर रहे शिक्षकों को आज तक नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया है ताकि वे अपनी सेवा शर्तों को जान सकें। उक्त संस्था के साथ स्थानीय अधिकारियों, जिन पर प्रयास की जवाबदारी है,सांठ गांठ कर व्यापक अनियमितता कर रहे हैं। उन्होंने इन मामलों की व्यापक जांच की मांग की। हिन्दुस्थान समाचार/विक्की-hindusthansamachar.in

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