जिले में शिल्प ग्राम का निर्माण कर शिल्पियों को प्रोत्साहन देने तैयार की गई रणनीति
जिले में शिल्प ग्राम का निर्माण कर शिल्पियों को प्रोत्साहन देने तैयार की गई रणनीति

जिले में शिल्प ग्राम का निर्माण कर शिल्पियों को प्रोत्साहन देने तैयार की गई रणनीति

कोण्डागांव, 24 दिसंबर (हि.स.)। कलेक्टर सभा कक्ष में गुरुवार को कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने जिले के शिल्पकारों के उत्थान एवं उनकी कलाओं को पहचान दिलाने जिले के सभी विधाओं के शिल्पियों से मुलाकात कर जिले को शिल्प नगरी एवं शिल्प विधाओं में पारंगत ग्रामो को शिल्पग्राम के रूप में निर्माण किये जाने के सबंध में चर्चा की। इस बैठक में बेलमेटल, लौहशिल्प, टेराकोटा शिल्प, भित्ति शिल्प, बांस शिल्प एवं अन्य शिल्पो से जुड़े शिल्पकारों ने हिस्सा लिया। इस दौरान शिल्पकारों ने शबरी एम्पोरियम द्वारा शिल्पो के ना खरीदे जाने, प्रदर्शनियों के ना होने, शिल्पग्राम के अधुरे निर्माण एवं शिल्पो का उचित मूल्य ना प्राप्त होने जैसी समस्याओं से उन्हे अवगत कराया। इसके अतिरिक्त इस बैठक में कलेक्टर ने जिले की पुरानी शिल्प नगरी की पहचान को पुर्नजीवित करने के उद्देश्य से शिल्पग्रामों को विकासित कर जिले में कला पर्यटन एवं कोण्डगांव के शिल्प को ब्रांडिग कर उनकी कलाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए रणनीति पर विचार किया। इस दौरान भेंलवापदर, किड़ईछेपड़ा, उमरगांव, कुम्हारपारा, करणपुर ग्रामों को प्रारंभिक रूप से शिल्पग्रामों के रूप में विकास के साथ इन गांवो में सौंदर्यीकरण, मूलभूत सुविधाओं के विकास, शिल्पकारों हेतु विशेष पहचान एवं कला पर्यटन सर्किट के विकास पर चर्चा की गई। इसके साथ ही ई-कामर्स कंपनियों को शिल्पकारों से जोड़ने, शिल्पकारों का प्रशिक्षण, शहर के मुख्य मार्गो में शिल्पनगरी की थीम का दिवारो पर चित्रण, शिल्पग्रामो का मैप तैयार कर उन ग्रामों के पंहुच मार्गों को कलात्मक रूप से सजाने, राष्ट्रीय राजमार्ग में आर्टिशियन कैफे के निर्माण की बात कही गई। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव गुप्ता-hindusthansamachar.in

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