छतीसगढ़ : गौरा-गौरी विसर्जन के साथ ही पारंपरिक हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया गोवर्धन पूजा

छतीसगढ़ : गौरा-गौरी विसर्जन के साथ ही पारंपरिक हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया गोवर्धन पूजा
छतीसगढ़ : गौरा-गौरी विसर्जन के साथ ही पारंपरिक हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया गोवर्धन पूजा

रायपुर, 15 नवम्बर (हि. स.)। प्रदेश में गौरा-गौरी विसर्जन के साथ ही गोवर्धन पूजा और मातर का उत्सव रविवार को पारंपरिक हर्षाेल्लास के बीच धूमधाम और उत्साह पूर्वक मनाया गया। इस दौरान अप्रिय स्थिति से निपटने पुलिस बल के जवान जगह-जगह तैनात रहे। प्रदेशवासियों ने गौरा-गौरी और गोवर्धन पूजा की और गौमाता को खिचड़ी खिलाकर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की मंगलकामना की। राउत नाचा दल और सुआ नर्तक दल ने आकर्षक धुनों के साथ परंपरागत नृत्य प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूजा स्थल ग्रामीण क्षेत्रों के घरों के परिवेश की भांति आकर्षक और भव्य रूप से सजाया गया था। तुलसी चौरा बनाया गया था, दो अगल-अलग चौरों पर गौरा-गौरी और गोवर्धन पूजा, गांव के रक्षक साहड़ा देव की पूजा की व्यवस्था थी, जहां पूजा-अर्चना की। गाय की सार की छत में छिंद की पत्तियों से छाया की गई थी और सार को गोबर से लीप के सुंदर रंगोली बनाई गई थी। घर में धन-धान्य संपन्नता की प्रतीक धान की बालियों की झालर बांधी गई थी आम, चिरचिड़ा और सुरसुरी की टहनी से ग्रामीण परिवेश की छवि प्रस्तुत की गई थी। राजधानी में रविवार की सुबह से दोपहर तक स्नान ध्यान कर गौरा-गौरी का विसर्जन किया गया। लोग डीजे और मांदर की थाप पर झूमते नाचते नज़र आये। इस दौरान सांट मारने की परंपरा निभाई गयी। मुख्यमंत्री ने झेला सांट का प्रहार : हमेशा की तरह इस बार भी प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने कुम्हारी पहुंचकर सबकी मंगलकामना के लिए सांटा का प्रहार झेलने की परंपरा निभाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुंदर परंपरा सबकी खुशहाली के लिए मनाई जाती है। हिन्दुस्थान समाचार/ गायत्री प्रसाद-hindusthansamachar.in

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