गणतंत्र दिवस परेड में दिखाई दे सकती है मिसाइल रक्षा प्रणाली एस400 : रूसी मीडिया
नई दिल्ली/मॉस्को, 26 जून (हि.स.)। भारत को रूस से मिसाइल रक्षा प्रणाली एस400 की आपूर्ति समय से एक साल पहले इस वर्ष के अंत तक हो सकती है। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार भारत रूस से एस400 मिसाइल प्रणाली की पांच इकाईयां हासिल करने वाला है। इनमें से पहली खेप की आपूर्ति वर्ष 2021 में होनी थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस की हाल की यात्रा के दौरान रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव से अपनी वार्ता में अनुरोध किया था कि भारत को एस400 और युद्धक विमान मिग-29 की एक खेप की आपूर्ति जल्द से जल्द की जाए। रूस ने रक्षा मंत्री के इस अनुरोध पर सकारात्मक रवैया अपनाया था। रूस की एस400 निर्माता कंपनी कोमरसेंट के हवाले से रूसी मीडिया ने कहा है कि वर्ष 2024 तक भारत को हर वर्ष इस मिसाइल रक्षा प्रणाली एक-एक खेप भेजी जाएगी। इस रक्षा सौदे से जुड़े एक भारतीय सैनिक अधिकारी का हवाला देते हुए रूस की मीडिया ने लिखा है कि यदि सबकुछ ठीक रहा तो राजपथ पर गणतंत्र दिवस की अगली परेड में एस400 को प्रदर्शित किया जा सकता है। भारत अपनी रक्षा जरूरतों के अनुसार एस400 की तैनाती कर सकेगा। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार भारत उसे हासिल होने वाली एस400 मिसाइल रक्षा प्रणाली में से तीन की तैनाती पाकिस्तान सीमा पर तथा दो की तैनाती चीन सीमा पर कर सकता है। इस प्रणाली के साथ भारत की विमान प्रतिरोधी मिसाइल प्रणाली आकाश को भी जोड़ा जाएगा। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार पाकिस्तान ने अमेरिका से हासिल एफ16 युद्धक विमानों तथा चीन ने पाँचवीं पीढ़ी के जे20 युद्धक विमानों को अपनी वायुसेना में शामिल कर भारत के लिए बड़ी चुनौती पेश कर दी है। युद्ध की स्थिति में भारत को अपने युद्धक विमानों का उपयोग आक्रमण और सुरक्षा के लिए एक साथ करना होगा। यह एक कठिन चुनौती पेश करेगा। एस400 की उपयोगिता के बारे में रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इससे भारतीय वायु क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर महसूस की जा रही कमी दूर होगी। एस400 भारतीय वायुक्षेत्र के लिए रक्षा कवच का काम करेगा। इस रक्षा प्रणाली के जरिए पाकिस्तानी सीमा के काफी भीतर तक नजर रखी जा सकेगी। दुश्मन का विमान जैसे ही उड़ान भरेगा उसकी जानकारी हासिल हो जाएगी। इसी तरह तिब्बत के वायुसेना अड्डों से उड़ान भरने वाले युद्धक विमानों का पता लग सकेगा। इस क्षमता के आधार पर भारत के युद्धक विमान जमीनी ठिकानों को निशाना बनाने के साथ ही आसमान में दुश्मनों के युद्धक विमानों को नष्ट कर सकते हैं। मॉस्को में रूसी विशेषज्ञों का कहना है कि चीन रूस की सरकार पर यह दवाब डाल रहा है कि वह भारत को एस400 और ऐसे ही विकसित सैन्य साजो समान की फिलहाल आपूर्ति न करे। चीन के समाचार पत्र पीयुप्लस डेली के अनुसार भारत और चीन दोनों रूस के रणनीतिक साझेदार देश हैं। रूस यदि इन दोनों देशों के बीच कायम तनाव को कम करना चाहता है तो उसे फिलहाल हथियारों की आपूर्ति नहीं करनी चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/अनूप-hindusthansamachar.in