एम्स में स्‍थाप‍ित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ने अति कुपोषित बच्चों के ल‍िए तैयार की रणनीति
एम्स में स्‍थाप‍ित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ने अति कुपोषित बच्चों के ल‍िए तैयार की रणनीति

एम्स में स्‍थाप‍ित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ने अति कुपोषित बच्चों के ल‍िए तैयार की रणनीति

अति कुपोषित बच्चों को कोविड-19 के दुष्प्रभावों से बचाने की आवश्यकता रायपुर, 16 अक्टूबर (हि.स.)। अति कुपोषित बच्चों पर कोविड-19 के प्रभाव की चर्चा के लिए एम्स में स्थापित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के साथ सहयोग कर उनके नियमित उपचार की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें न्यूट्रीशन रिहेब्लिटेशन सेंटर्स (एनआरसी) के माध्यम से प्रदेश के सुदूरवर्ती इलाकों तक उपचार की व्यवस्था की जा रही है। इस संबंध में एम्स में स्थापित अति कुपोषित बच्चों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ने शुक्रवार काे प्रदेश सरकार के बाल स्वास्थ्य विभाग और यूनीसेफ के साथ मिलकर रणनीति बनाने के लिए वर्चुअल बैठक आयोजित की। इसमें निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने कहा कि प्रदेश में बच्चों के बीच अति कुपोषण की समस्या को दूर करने में सेंटर की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके लिए प्रदेश के विभिन्न विभागों और राज्य सरकार के मेडिकल कालेजों के साथ मिलकर रणनीति बनानी होगी। बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ए.के. गोयल का कहना था कि कोविड-19 की परिस्थितियों में कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए एनआरसी की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। इसके लिए संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और सामाजिक स्तर पर ऐसे बच्चों को बेहतर उपचार प्रदान करने की आवश्यकता है। बैठक में उपस्थित सभी विभागों ने बेहतर समन्वय के माध्यम से प्रदेश में अति कुपोषण की समस्या को दूर करने पर सहमति प्रकट की। डॉ. अमर सिंह ठाकुर, उप-निदेशक (बाल स्वास्थ्य) ने एनआरसी की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इन सभी को कोविड-19 के मद्देनजर पैदा हुई परिस्थितियों में सक्रिय किए जाने की प्रक्रिया शीघ्र ही पूरी हो जाएगी। इस वर्चुअल बैठक में सुनील शर्मा, सहायक निदेशक, आईसीडीएस, डॉ. ए.के. रावत और डॉ. अबनेर डेनियल, न्यूट्रिशनल स्पेशलिस्ट, यूनिसेफ, दिल्ली ने भी भाग लिया। हिन्दुस्थान समाचार/चंद्रनारायण शुक्ल-hindusthansamachar.in

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