उत्तराखंड: कोरोना संक्रमित ट्रेनी आईएफएस पूरी तरह स्वस्थ, अस्पताल से डिस्चार्ज

उत्तराखंड: कोरोना संक्रमित ट्रेनी आईएफएस पूरी तरह स्वस्थ, अस्पताल से डिस्चार्ज

- दो अन्य ट्रेनी आईएफएस की भी हालत में तेजी से सुधार - प्रदेश में अब सिर्फ चार मरीज अस्पताल में उपचाराधीन दधिबल यादव देहरादून, 27 मार्च (हि.स.)। उत्तराखंड में कोरोना वायरस (कोविड 19) संक्रमित 5 मरीजोंं में से एक ट्रेनी आईएफएस ने कोरोना पर विजय हासिल कर ली। उपचार के दौरान दो दौर की आवश्यक जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इसके दो अन्य साथियों की भी हालत में काफी सुधार है। राज्य में कुल 5 मरीज सामने आए थे। फिलहाल इनमें से चार संक्रमित मरीजों का इलाज अस्पताल में जारी है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी (एफआरआई) के ट्रेनी अफसर 28 फरवरी को ट्रेनिंग के लिए स्पेन गए थे। ये लोग 11 मार्च की सुबह दिल्ली लौटे और उसी शाम देहरादून पहुंचे। विदेश से लौटने की वजह से उनकी स्वास्थ्य जांच की गई तो उनके एक साथी में कोरोना के लक्षण मिलने पर उसका सैम्पल जांच के लिए भेजा गया। उसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो अस्पताल में भर्ती कर उसका उपचार शुरू किया गया। उसके बाद दो अन्य साथियों के सैम्पल जांच के लिए भेजे गए तो उनकी जांच रिपोर्ट भी पाजिटिव आई। अस्पताल में पहले भर्ती हुए ट्रेनी आईएफएस की उपचार के दौरान दो और जरूरी जांच कराई गईं और दोनों रिपोर्ट निगेटिव आने पर आज उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उसे अब पूरी तरह स्वस्थ घोषित कर दिया गया है। हालांकि उसके दोनों साथी अभी अस्पताल में उपचाराधीन हैं लेकिन इस दौरान उन दोनों की पहली जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। इससे यह माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में ये दोनों भी स्वस्थ हो जाएंगे। प्रदेश की चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की महानिदेशक डा. अमिता उप्रेती ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि तीनों ट्रेनी आईएफएस में से एक पूरी तरह स्वस्थ है और अन्य दोनों की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। उन दोनों की अभी एक रिपोर्ट और आनी है, अगर वह निगेटिव आती है तो विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइड लाइन के अनुसार उन्हें भी पूरी तरह स्वस्थ घोषित कर दिया जाएगा। राज्य में इनके अलावा एक अमेरिकी नागरिक और स्पेन से लौटा कोटद्वार का एक युवक भी कोरोना वायरस संक्रमित हैं जो इन दिनों अस्पताल में उपचाराधीन हैं। कोरोना संक्रमण से ठीक हुए ट्रेनी आईएफएस अफसर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस बीमारी से घबराने और डरने की बजाय डॉक्टरों के सुझावों पर अमल करना चाहिए। यह बीमारी शारीरिक और मानसिक समस्या की तरह है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में तो जानकारी देने पर उनके परिजन बहुत घबरा गए थे लेकिन उन्होंने साहस के साथ कोरोना संक्रमण का मुकाबला किया। डॉक्टरों की सलाह का पूरी तरह पालन किया। उन्होंने दून अस्पताल के चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टॉफ का भी आभार जताया। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

Raftaar | रफ्तार
raftaar.in