अंबाला को भाया छत्‍तीसगढ़ के दन्तेवाड़ा का कड़कनाथ मुर्गा
अंबाला को भाया छत्‍तीसगढ़ के दन्तेवाड़ा का कड़कनाथ मुर्गा

अंबाला को भाया छत्‍तीसगढ़ के दन्तेवाड़ा का कड़कनाथ मुर्गा

रायपुर, 13 नवम्बर (हि.स.) । छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले का कड़कनाथ हरियाणा राज्य के अंबाला के लोगों को काफी पसंद आ रहा है। दंतेवाड़ा जिले में आज गरीबी उन्मूलन के तहत कड़कनाथ मुर्गी के वृहद मार्केटिंग की शुरूआत की गई और हरियाणा के अंबाला के लिए कड़कनाथ आर्गेनिक फार्म को 4 लाख 24 हजार रूपये के कड़कनाथ का विक्रय किया गया।दंतेवाड़ा की जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री तुलिका कर्मा और कलेक्टर दीपक सोनी ने गुरुवार को कलेक्टर कार्यालय से हरी झण्डी दिखाकर कड़कनाथ की गाड़ी हरियाणा के अंबाला के लिए रवाना करने के साथ ही कड़कनाथ पालकों को 4 लाख 24 हजार रूपये की राशि का भुगतान चेक के माध्यम से किया गया। दंतेवाड़ा माई दंतेश्वरी की शक्तिपीठ अपनी प्राकृतिक सुंदरता, लौह उत्पादन के नाम से प्रसिद्ध है। अब उसमें दंतेवाड़ा के कड़कनाथ का नाम भी शामिल हो गया है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला दंतेवाड़ा में आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य कर विकास की लहर चलायी जा रही है। जिले में अब कड़कनाथ को निर्यात से जोड़कर लोगों को आजीविकावर्धन का सतत् विकल्प उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि दंतेवाड़ा जिले में गरीबी उन्मूलन के लिए पुना माड़ाकाल दंतेवाड़ा योजना चलाई जा रही है, जिससे यहां की गरीबी को जड़ से खत्म किया जा सकें। दंतेवाड़ा जिले की पशुधन विभाग द्वारा कड़कनाथ मुर्गी गरीबी उन्मूलन योजना के तहत हितग्राहियों को कड़कनाथ पालन के लिए चूजे उपलब्ध कराए गए थे। पशुपालक हितग्राहियों द्वारा चूजों को बड़ा करके निर्यात हेतु उपलब्ध कराया गया। यह सभी हितग्राही जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बड़े गुड़रा, कड़मपाल, किरन्दुल, हल्बारास, कुआकोण्ड़ा, कटेकल्याण, मटेनार, आदि जैसे क्षेत्रों के निवासी हैं। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला होने के बावजूद इसने विकास की ओर अपना रूख कर लिया है। हिन्दुस्थान समाचार / गेवेन्द्र-hindusthansamachar.in

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