पहलवानों के आंसू से अब कांपेगी दिल्ली, जानें कैसे नरेश टिकैत के प्लान से लाखों लोग होने वाले हैं परेशान

Wrestler Protest: दिल्ली में दूध और सब्जी की सप्लाई रुकने से लोगों को परेशानी हो सकती है और लाखों लोगों का बिजनेस भी इससे प्रभावित होगा।
पहलवानों के आंसू से अब कांपेगी दिल्ली, जानें कैसे नरेश टिकैत के प्लान से लाखों लोग होने वाले हैं परेशान

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। साल 2021 का वक्त दिल्ली-एनसीआर के लोगों को याद तो होगा ही। मौका था किसान आंदोलन का। दिल्ली- एनसीआर के एंट्री प्वाइंट यूपी गेट पर किसानों ने डेरा डाल दिया। इसके बाद जो हुआ वो दिल्ली- एनसीआर के लाखों लोगों को लंबे समय तक याद रहेगा। सोनीपत, यूपी और गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाले लोगों को जबरदस्त परेशानी का सामना लंबे समय तक करना पड़ा। लोगों की परेशानी का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। वहीं, किसानों से रास्ता खुलवाने के लिए लोगों को जबदस्त मशक्कत करनी पड़ी थी, हालांकि इसमें ज्यादा सफलता लोगों को नहीं मिली। किसान अपनी बात पर अड़े रहे और लंबे समय तक लोगों को यह परेशानी का सामना करना पड़ा। अब ऐसी ही खबर आ रही है कि एक बार फिर दिल्ली के लाखों लोगों की मुसीबत बढ़ने वाली है। उनको सप्लाई होने वाली सब्जी और दूध की किल्लत होने वाली है। इससे दिल्लीवासी एक बार फिर परेशान हो जाएंगे। आइए जानते हैं पूरी बात।

दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को जंतर मंतर से हटाया

बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर पहलवानों धरना दे रहे थे। इसके बाद रविवार को उन्हें दिल्ली पुलिस ने संसद भवन तक मार्च निकालने की इजाजत नहीं दी जिसके बाद मामला बढ़ गया और पहलवानों को हिरासत में लिया गया। बता दें कि इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें जंतर मंतर से हटा दिया और वहां पर धरना देने की इजाजत नहीं दी। इसके बाद पहलवान हरिद्वार आकर मेडल को गंगा में बहाने की बात कर करने लगे और वहां घाट पर बैठ कर रोने लगे। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत वहां पहुंच कर पहलवानों को समझाया और गंगा में मेडल बहाने से मना किया। पहलवान उनकी बात मान गए, लेकिन उनके की आंखों से निकले आंसू की कीमत अब दिल्ली के लोगों को चुकानी पड़ेगी। किसान महासभा ने सरकार को पांच दिनों का अल्टीमेटम दिया और मुजफ्फरनगर में एक मीटिंग की। इसमें तय हुआ कि पांच जून को दिल्ली की सीमाओं का घेराव किया जाएगा। वहीं, किसानों के एक संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने भी एक जून से देशव्यापी प्रदर्शन की बात कही है।

हरिद्वार में रोए पहलवान

भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत ने यह साफ कर दिया है कि अगर केंद्र सरकार ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों की मांगें नहीं मानीं तो हरियाणा, पंजाब, यूपी, और राजस्थान की खाप पंचायतें एक बड़ा फैसला ले सकती है। इसमें दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में दूध और सब्जी की सप्लाई को रोकने की बात कही गई है। उन्होंने सरकार को मात्र पांच दिनों का समय दिया है जिसे अल्टीमेटम के तौर पर समझा जा रहा है। अगर सरकार कुछ नहीं करती है तो हम कुछ बड़ा करेंगे और इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।'

ये हो सकती है दिल्ली-एनसीआर के लोगों को परेशानी

कुल मिला कर एक बार फिर दिल्ली में दूध और सब्जी की सप्लाई रुकने से लोगों को परेशानी हो सकती है और लाखों लोगों का बिजनेस भी इससे प्रभावित होगा। अब देखना यह है कि आने वाले समय में सरकार इस पर क्या फैसला लेती है या किसान अपनी बेटियों के आंसू के लिए क्या कदम उठाते हैं।

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