Delhi Ordinance: CM केजरीवाल से मुलाकात के बाद उद्धव का BJP पर हमला, कहा- केंद्र लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ

सीएम केजरीवाल ने मुंबई में महाराष्ट्र के पूर्व CM और शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। इस मौके पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि देश को बचाने और लोकतंत्र को बचाने के लिए हम सब एक साथ आए हैं।
Delhi Ordinance: CM केजरीवाल से मुलाकात के बाद उद्धव का BJP पर हमला, कहा- केंद्र लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ

नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग करने के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मोर्चा खोल दिया है। इसी कड़ी में उन्होंने बुधवार (24 मई) को मुंबई में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। इस मौके पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि देश को बचाने और लोकतंत्र को बचाने के लिए हम सब एक साथ आए हैं। मुझे नहीं लगता कि हमें "विपक्षी दल" कहा जाना चाहिए, लेकिन उन्हें (केंद्र को) "विपक्षी दल" कहा जाना चाहिए क्योंकि केंद्र सरकार लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ हैं।

केंद्र सरकार पर साधा निशाना

केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा और दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी भी मौजूद रहे। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि वह अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए NCP प्रमुख शरद पवार से भी मिलेंगे। उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद केजरीवाल ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने हमें संसद में समर्थन देने का वादा किया था और अगर यह विधेयक संसद में पारित नहीं हुआ तो मोदी सरकार 2024 में सत्ता में नहीं लौटेगी।

क्या है मामला?

19 मई को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को रद्द करने का अध्यादेश जारी किया। इस अध्यादेश के तहत, एक अधिकारी के स्थानांतरण और नियुक्ति पर अंतिम निर्णय का अधिकार दिल्ली के उपराज्यपाल को दिया गया है। अध्यादेश के अनुसार दिल्ली में सेवा दे रहे 'दानिक्स' कैडर के ग्रुप A के अधिकारियों के खिलाफ स्थानांतरण और अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए, राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया है। इस निकाय में तीन सदस्य होंगे। मुख्यमंत्री को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस निकाय के पास 'दानिक्स' कैडर के ग्रुप A के अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्ति के संबंध में सभी निर्णय लेने का अधिकार है, हालांकि, अंतिम निर्णय लेफ्टिनेंट गवर्नर ही लेंगे।

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