Tripura Election Result: दो साल पहले बनी TMP पार्टी ने कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन की निकाली हवा

दो साल पहले बनी टिपरा मोथा पार्टी ने इस चुनाव में शानदार प्रर्दशन करते हुए दस से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करते हुए नजर आ रही हैं। टिपरा मोथा के मुखिया प्रद्योत देब पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे।
Tripura Election Result: दो साल पहले बनी TMP पार्टी ने कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन की निकाली हवा

अगरतला,एजेंसी। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के परिणाम गुरुवार दोपहर 12:00 बजे तक लगभग स्पष्ट हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी यहां स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाती नजर आ रही है लेकिन एक नई पार्टी टिपरा मोथा (टीएमपी) इस चुनाव में अपने प्रदर्शन से पूरे देश में सुर्खियों बटोर रही हैं। महज दो साल पहले बनी इस पार्टी ने जिसने राज्य की 60 विधानसभा सीटों में से केवल 42 पर उम्मीदवार उतारे थे, दस से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करती नजर आ रही है। जिन सीटों पर टीएमपी ने उम्मीदवार उतारे थे उसमें 32 फीसदी आबादी जनजातीय समुदाय की है।

दस से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करती नजर आ रही

खास बात यह है कि टिपरा मोथा के मुखिया प्रद्योत देब 2018 तक कांग्रेस के प्रदेश टिपरा मोथा के मुखिया प्रद्योत देब। उनके माता-पिता का भी राजनीत से गहरा नाता रहा। जनजातीय समुदाय में उनकी पकड़ बेहद मजबूत है। 2018 में कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने के बाद उन्होंने एनआरसी मुद्दे को लेकर पार्टी लाइन से अलग रुख अख्तियार किया। राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों को खदेड़ने का समर्थन करते हुए उन्होंने खुद को कांग्रेस से अलग कर लिया और टिपरा मोथा नाम का एक अलग संगठन बना दिया। इस संगठन ने जनजातियों के लिए अलग टिपरालैंड राज्य की मांग की, जिसकी वजह से जनजाति समुदाय से उनका भावनात्मक लगाव बढ़ता चला गया।

टिपरा मोथा के मुखिया प्रद्योत देब पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे


प्रद्योत देब का जन्म चार जुलाई 1978 को त्रिपुरा के राजशाही परिवार में हुआ था। उनके पिता किरीट विक्रम किशोर देब वर्मा और मां विभू कुमारी भी कांग्रेस से जुड़ी रही हैं।टीएमपी ने इसके पहले अप्रैल 2021 में त्रिपुरा के जनजातीय क्षेत्र स्वशासी जिला परिषद का चुनाव लड़ा था जिनमें 28 में से 18 सीटों पर जीत दर्ज कर जिला परिषद पर कब्जा कर लिया था।उल्लेखनीय है कि त्रिपुरा चुनाव में इस बार 20 सीटें जनजातियों के लिए आरक्षित हैं। इन सीटों के अलावा गैर जनजातीय सीटों पर भी टीएमपी ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। खास बात यह है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने स्थानीय पार्टी आईपीएफटी के साथ मिलकर राज्य की सभी जनजातीय सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार इन क्षेत्रों में टिपरा मोथा ने सेंध लगाई है। विधानसभा चुनाव में टीएमपी त्रिपुरा की राजनीति में बड़े खिलाड़ी के तौर पर उभरती नजर आ रही है।

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