शिक्षक नियुक्ति मामले में सुशील मोदी का वामदलों को चुनौती, कहा- 'यदि हिम्मत है तो सरकार से वापस लें समर्थन'

सुशील मोदी ने कहा कि जिन अभ्यर्थियों ने बीएड किया एवं TET-STET पास किया, उन्हें सरकारी अध्यापक बनने के लिए BPSC के जरिए तीसरी परीक्षा पास करने को बाध्य करना न्यायपूर्ण नहीं है।
शिक्षक नियुक्ति मामले में सुशील मोदी का वामदलों को चुनौती, कहा- 'यदि हिम्मत है तो सरकार से वापस लें समर्थन'

नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि सरकार-समर्थक वामपंथी दल शिक्षक नियुक्ति की नई नियमावली के खिलाफ आंदोलन करने वालों की जायज मांग पर केवल घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। उन्होंने कहा अगर हिम्मत है, तो शिक्षकों की मांग के मुद्दे पर वामपंथी दल नीतीश सरकार  से समर्थन वापस लेने का फैसला करें। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार नियोजित शिक्षकों की बात सुनने के बजाय उन्हें धमकी दे रही है। उन्होंने कहा सरकार 2019 में TET उत्तीर्ण करके नियुक्ति पत्र की प्रतीक्षा करने वाले हजारों अभ्यर्थियों को धोखा दे रही है।

तीसरी परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए बाध्य करना अन्यायपूर्ण है

सुशील मोदी ने कहा कि जिन अभ्यर्थियों ने बीएड किया एवं TET-STET पास किया, उन्हें सरकारी अध्यापक बनने के लिए BPSC के जरिए तीसरी परीक्षा पास करने को बाध्य करना न्यायपूर्ण नहीं है।

क्या है पूरा मामला ?

बता दें कि बिहार सरकार ने हाल ही में 1.78 लाख शिक्षकों की भर्ती के लिए मंजूरी दी है। यह भर्ती नई नियमावली के तहत होगी। नीतीश कैबिनेट का फैसला आने के बाद से ही शिक्षक अभ्यर्थी और नियोजित शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं। नई नियमावली के तहत नियोजित शिक्षकों को भी राज्यकर्मी होने के लिए प्रतियोगिता परीक्षा पास करनी होगी। इस मामले का विरोध शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ साथ शिक्षक संघ भी कर रहे हैं।

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