हेट स्पीच मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- स्वत:संज्ञान लेकर दर्ज करें FIR

सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच के मामले में सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नफरती भाषण देने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने निर्देश दिया है।
हेट स्पीच मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- स्वत:संज्ञान लेकर दर्ज करें FIR

नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच के मामले में सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नफरती भाषण देने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने निर्देश दिया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि भले भी कोई शिकायत दर्ज की गई हो अथवा नहीं की गई हो लेकिन प्रशासन को मामला दर्ज करना ही है। जस्टिस के एम जोसफ और बी वी नागरत्ना की पीठ ने नफरत फैलाने वाले भाषणों को गंभीर अपराध बताया जो देश के धार्मिक तानेबाने को नुकसान पहुंचा सकते हैं। पीठ ने कहा कि उसका 21 अक्टूबर, 2022 का आदेश सभी क्षेत्रों के लिए प्रभावी रहेगा।

कोर्ट ने कई मामलों में दिए हैं FIR दर्ज करने के निर्देश

सुनवाई के दौरान कार्ट ने कहा कि इस तरह के मामले दर्ज करने में देरी को कोर्ट की अवमानना माना जाएगा। कोर्ट ने कहा कि जहां भी किसी तरह की हेट स्पीच दी जाती है, उस राज्य की पुलिस बिना किसी भेदभाव के तुरंत स्वयं संज्ञान लेते हुए एफआईआर करेगी और आरोपियों के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें इस बारे में अपने अधिकारियों को निर्देश जारी करें, ताकि उपयुक्त कदम जल्द से जल्द उठा। हेट स्पीच को एक गंभीर अपराध करार देते हुए कहा कोर्ट ने कहा कि हेट स्पीच के धर्मनिरपेक्ष ताने बाने को प्रभावित कने में सक्षम है।

नेहरू और वाजपेयी का किया था जिक्र

शीर्ष अदालत ने पहले उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड को निर्देश दिया था कि घृणा फैलाने वाले भाषण देने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। तब न्यायालय ने कहा था, धर्म के नाम पर हम कहां पहुंच गए हैं? इसके बाद पीठ ने शुक्रवार को कहा, न्यायाधीश अराजनीतिक होते हैं और पहले पक्ष या दूसरे पक्ष के बारे में नहीं सोचते और उनके दिमाग में केवल एक ही चीज है - भारत का संविधान। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने ही हेट स्पीच से जुड़े इसी मामले में कहा था कि जिस समय राजनीति और धर्म अलग हो जाएंगे और नेता राजनीति में धर्म का इस्तेमाल बंद कर देंगे तब हेट स्पीच बंद हो जाएगी। उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्रिओं जवाहर लाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी के भाषणों का भी जिक्र किया और कहा था कि लोग दूर-दूर से उन्हें सुनने आते थे।

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