
नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। हिंद महासागर पर लगातार मजबूत होते चीन को रोकने के लिए अब भारत ने भी उचित कदम उठाने पर जोर दे रहा है। दुनिया भर के समंदर पर चीन कब्जा करने का जो मंसूबा पाल रहा है, उसे फेल करने के लिए हर देश के साथ अब भारत भी प्रयास कर रहा है। इसी प्रयास के क्रम में अब भारत मेक इन इंडिया योजना के तहत मजाज़ॉन डॉकयार्ड्स लिमिटेड पर नई पनडुब्बियां बनाने कि योजना पर काम कर रहा है।
API टेक्नोलॉजी लैस होंगी पनडुब्बियां
एक रिपोर्ट की मानें तो हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती चालबाजियों का जवाब देने के लिए भारतीय नौसेना एपीआई से लैस तीन अटैक पनडुब्बियों की मांग सरकार के समने रखी है। बताया जा रहा है कि फ्रांस के नौसेना ग्रुप और मंझगांव डॉक शिपयार्ड की तरफ से जिन तीन अटैक पनडुब्बियों का निर्माण हो रहा है उन्हें ही एपीआई से लैस किया जाएगा। भारतीय नौसेना इसके लिए रक्षा खरीद परिषद (DAC) का रुख कर सकती है।
API वाली पनडुब्बियों को DRDO विकसित करेंगा
मंझगांव डॉकयार्ड पहले ही छह कलावरी क्लास की पनडुब्बियों का निर्माण कर चुका है। ये सभी पनडुब्बियां फ्रेंच स्कॉर्पियन क्लास की पनडुब्बियां हैं। मार्च 2024 में इसी क्लास की छठी पनडुब्बी आईएनएस (INS) वगशीर को नौसेना में शामिल किया जाएगा। एपीआई वाली तीन पनडुब्बियों को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) की तरफ से विकसित किया जाएगा। मगर इनकी टेस्टिंग फ्रांस की तरफ से होगी। इसके बाद इसी एआईपी को कलावरी क्लास की पनडुब्बी में फिट किया जाएगा।
क्या है API टेक्नोलॉजी?
एपीआई यानी Air-independent propulsion, यह वह तकनीक होती है जो किसी भी गैर परमाणु पनडुब्बी को वातावारण की ऑक्सीजन के बिना भी ऑपरेट करने की क्षमता प्रदान करती है।