नैनीताल मूल के मुनगली बने ‘एशियाई फुटबॉल संघ’ की सात सदस्यीय टास्क फोर्स के सदस्य

नैनीताल मूल के मुनगली बने ‘एशियाई फुटबॉल संघ’ की सात सदस्यीय टास्क फोर्स के सदस्य
नैनीताल मूल के मुनगली बने ‘एशियाई फुटबॉल संघ’ की सात सदस्यीय टास्क फोर्स के सदस्य

-47 देशों का संगठन में एशियाई फुटबॉल संगठन, फीफा है इसका पैतृक संगठन नैनीताल, 16 सितम्बर (हि.स.)। पुणे में रहने वाले नैनीताल मूल के उद्योपति एवं सेवानिवृत्त कर्नल डॉ. गिरिजा शंकर मुनगली के नाम एक बड़ी उपलब्धि जुड़ी है। एशिया महाद्वीप में फुटबॉल की सबसे बड़ी संस्था ‘एशियाई फुटबॉल संघ’ ने उन्हें अपनी सात सदस्यीय टास्क फोर्स का सदस्य मनोनीत किया है। अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में यह एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। भारत के सभी फुटबॉल संघों और फुटबॉल क्लबों ने इस उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई मिल रही है। डॉ. मुनगली इससे पूर्व इंडियन फुटबॉल लीग में अनेक पदों पर रह चुके हैं। उल्लेखनीय है कि एशियाई फुटबॉल संघ में पूरे विश्व के 47 सदस्य देश हैं। इसका मुख्यालय मलेशिया में है। इसका पैतृक संगठन फीफा है। एशिया में होने वाले प्रमुख फुटबॉल मैचों का संचालन यही संघ करता है। डॉ मुनगली वर्तमान में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन क्लब कमेटी के चेयरमैन हैं। उल्लेखनीय है कि तल्लीताल कैंट के भवानी लॉज में पले-बढ़े डॉ. मुनगली की शिक्षा तत्कालीन गवर्नमेंट हाई स्कूल (गोरखा लाइन) यानी वर्तमान शहीद मेजर राजेश अधिकारी राजकीय इंटर कॉलेज और तत्कालीन देब सिंह बिष्ट महाविद्यालय यानी वर्तमान कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर से हुई है। इसके बाद वे सेना में चले गए। सेना से सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने उद्योग जगत में कदम रखा और दो दशक में ही अनेक उपलब्धियां हासिल कीं। वे रियल एस्टेट क्षेत्र में सक्रिय हैं। साथ ही उनके संस्कृति स्कूलों की शृंखला महाराष्ट्र में सबसे सम्मानित मानी जाती है। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी उनके संस्कृति स्कूलों के प्रशंसकों में रहे हैं। पुणे में रहकर भी पर्वतीय लोगों से कुमाऊंनी में वार्तालाप करने वाले डॉ. मुनगली का पिछले दिनों कुमाऊंनी शब्द शृंखला के लिए सुपरिचित उद्घोषक हेमंत बिष्ट ने कुमाऊंनी में एक लंबा ऑनलाइन साक्षात्कार किया था। हिन्दुस्थान समाचार/नवीन जोशी/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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