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सहवाग ने भारत का पहला प्रायोगिक शिक्षण एप क्रिकुरू लॉन्च किया

नई दिल्ली, 9 जून (आईएएनएस)। भारत के पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने देश में क्रिकेट कोचिंग के अनुभव को फिर से परिभाषित करने के उद्देश्य से भारत का पहला अनुभवात्मक शिक्षण एप क्रिकुरू लॉन्च किया है। क्रिकुरू देश में एआई आधारित क्रिकेट कोचिंग में अग्रणी है, जिसका उद्देश्य अपने उपयोगकर्ताओं के लिए व्यक्तिगत रूप से सीखने का अनुभव प्रदान करना है। इसमें प्रत्येक खिलाड़ी के लिए व्यक्तिगत रूप से पाठ्यक्रम (कोर्स) सहवाग और टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच रहे संजय बांगर द्वारा विकसित किया गया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार के मामले में नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है और इसे देखते हुए भारत को भी देश के महत्वाकांक्षी क्रिकेटरों के लिए एक समान अनुभव प्रदान करने के लिए इस पहल में शामिल होने की आवश्यकता थी। सहवाग ने कहा, क्रिकुरू में हमारा उद्देश्य भारत में क्रिकेट सीखने को लोकतांत्रिक बनाने और मौजूदा अंतराल को पाटने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है। हमारे पाठ्यक्रम को दुनिया भर के कोचिंग विशेषज्ञों तक पहुंच प्रदान करने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है, ताकि क्रिकेट के अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप इच्छुक क्रिकेटरों के लिए एक निर्बाध कोचिंग अनुभव प्रदान किया जा सके। उन्होंने कहा, क्रिकुरु माता-पिता को अपने बच्चों के साथ भागीदार बनने का अवसर भी देता है क्योंकि वे क्रिकेट में पेशेवर करियर के लिए आवश्यक कौशल प्राप्त करने की दिशा में मिलकर काम करते हैं। एआई सक्षम मोबाइल-वेब आधारित एप्लिकेशन है, जो युवाओं को दुनिया भर के 30 चुने हुए खिलाड़ी और कोचों की मास्टर कक्षाओं के माध्यम से क्रिकेट खेलने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें प्रत्येक कोच के साथ लगभग चार घंटे की क्यूरेटेड वीडियो सामग्री है, जहां अनुकूलित एआई तकनीक का उपयोग करके सीखने का मूल्यांकन किया जाता है। यह एकमात्र अनुभवात्मक शिक्षण एप है जो वृहद् वीडियो, परस्पर संवादात्मक (इंटरैक्टिव सेशन) संवर्धित वास्तविकता और आकर्षक सिमुलेशन के माध्यम से सीखने को जीवंत करता है। क्रिकुरु के सह-संस्थापक बांगर ने कहा, क्रिकुरु शुरू करने का मकसद देश भर में कहीं भी रहने वाले यहां तक कि टियर- 2 और 3 शहरों में भी लोगों के लिए क्रिकेट कोचिंग तक पहुंच प्रदान करना है, जिसमें आप अपनी सुविधा के अनुसार घर बैठे शामिल हो सकें। स्मार्टफोन और इंटरनेट की बढ़ती पहुंच के साथ यह इच्छुक उत्साही लोगों के लिए इसे और अधिक सुलभ बनाता है। --आईएएनएस एसकेबी/एएनएम

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