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पेस के ट्रेनर ने ब्राजील की युगल खिलाड़ी को ओलंपिक पदक दिलाने में निभाया अहम रोल

टोक्यो, 3 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस के फिजियो रहे संजय सिंह ने ब्राजील की लुइसा स्टेफानी को टोक्यो ओलंपिक में महिला युगल वर्ग में कांस्य पदक दिलाने में अपनी भूमिका अदा की है। ब्राजील की जोड़ी लुइसा और लौरा पिगोसी ने रूस ओलंपिक समिति (आरओसी) की एलीना वेसनीना और वेरोनिका कुदेरमेतोवा को 4-6, 6-4, 11-9 से हराकर कांस्य पदक जीता। ब्राजील का टेनिस में ओलंपिक में यह पहला पदक है। इससे पहले वह 1996 एटलांटा ओलंपिक में पदक हासिल करने के करीब पहुंचा था लेकिन उसे कांस्य पदक मुकाबले में हार मिली थी। सिंह ने कहा, पेस के मामले में हमें पता था कि वह एटलांटा ओलंपिक में शामिल होंगे, इसलिए सभी तैयारी थी, लेकिन लुइसा को खुद भी नहीं पता था कि वह टोक्यो जाएंगी या नहीं। कई शीर्ष खिलाड़ियों के कोरोना की चिंता के कारण ओलंपिक से हटने के बाद लुइसा और लौरा की जोड़ी ने अंतिम मिनट में ओलंपिक में भाग लिया। सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, वह वेटिंग लिस्ट में सातवें स्थान पर थीं और फिर दूसरे पर आ गईं। उस रात मैंने उनसे कहा कि एक घंटे में कोई और भी अपना नाम वापस लेगा तो सही है। उन्होंने मुझे कहा कि नहीं मैंने अपने दिमाग से यह ख्याल हटा दिया है। उन्होंने कहा, सुबह लुइसा ने मुझे कहा कि मैं टीम में शामिल हूं। इसके बाद सभी चीजें जल्दबाजी में हुई। सिंह अब अमेरिका में रहने लगे हैं और लुइसा और उनकी पार्टनर अमेरिका की हेली कार्टर के कोच हैं। -- आईएएनएस एसकेबी/आरजेएस

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