नई दिल्ली, रफ्तार। आज का दिन ऐतिहासिक है। देश और खासकर क्रिकेट से जुड़े लोगों के लिए। 2 अप्रैल साल 2011 को ही भारतीय क्रिकेट टीम ने इतिहास रचा था। इस दिन टीम इंडिया ने एमएस धोनी की कप्तानी में श्रीलंका को हराकर वर्ल्ड कप (ICC World Cup 2011) पर कब्जा किया था। मुंबई स्थित वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया ने 6 विकेट से जीत दर्ज की थी। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी कर 274 रन बनाए थे। इसके जवाब में भारतीय टीम ने 48.2 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर लक्ष्य हासिल कर लिया था। टीम इंडिया 28 साल बाद दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनी थी।
धोनी ने छक्का लगाकर वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीती थी। वह इस मैच के हीरो भी चुने गए थे। धोनी ने 79 गेंदों पर नाबाद 91 रन बनाए थे। गौतम गंभीर ने 97 रनों की अहम पारी खेली थी। टीम ने सचिन-सहवाग की जोड़ी को खो दिया था। फिर गंभीर ने आकर 97 रनों की शानदार पारी खेलकर टीम की खेल में वापसी कराई थी।
275 रनों के लक्ष्य को हासिल करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत ठीक नहीं रही थी। पहला विकेट 0 के स्कोर पर गिर गया था। सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग बिना खाता खोले आउट हो गए थे। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए गौतम गंभीर ने सचिन तेंदुलकर के साथ पारी आगे बढ़ाई थी। सचिन ने 18 रनों की पारी खेली थी। विराट कोहली अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल सके थे।
धोनी ने सिक्स लगाकर इस खिताबी मुकाबले में भारत को विश्व विजेता बनाया था। धोनी ने श्रीलंका के बॉलर नुवान कुलसेखरा की गेंद पर छक्का लगाया था। गेंद वानखेड़े स्टेडियम के बाहर चली गई थी।
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