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भारत के पूर्व दिग्गज फुटबालर फोर्टुनाटो फ्रैंको का निधन (लीड-2)

नई दिल्ली, 10 मई (आईएएनएस)। पूर्व भारतीय फुटबालर और 1962 एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता टीम के सदस्य रहे फोर्टुनाटो फ्रैंको का सोमवार को गोवा में निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। फ्रैंको ने 1960 रोम ओलंपिक में भी हिस्सा लिया था और वह गोवा से ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले एकमात्र फुटबालर थे। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने फोर्टुनाटो के निधन की पुष्टि की है। फोर्टुनाटो के परिवार में पत्नी, बेटा और बेटी हैं। पूर्व मिडफील्डर फोर्टुनाटो 1962 में जकार्ता में हुए एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे, जहां फाइनल में भारत ने दक्षिण कोरिया को 2-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता था। उनका यह आखिरी मैच था, जिसमें उन्होंने जरनैल सिंह के गोल में अपना असिस्ट किया था। गोवा के कोलवले में 1937 में जन्मे फोर्टुनाटो छह साल की उम्र में अपने परिवार के साथ मुंबई चले गए थे। वहां उन्होंने महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया और संतोष ट्रॉफी में राज्य की टीम की कप्तानी भी की और मुंबई में वेस्टर्न रेलवे और टाटा फुटबॉल क्लब के लिए भी खेले। बाद में उन्होंने गोयन फुटबॉल के दिग्गज सालगांवकर का भी प्रतिनिधित्व किया। भारत के लिए 26 इंटरनेशनल मैच खेलने वाले फोर्टुनाटो ने दिसंबर 1959 में एनार्कुलम में एशियन कप क्वालीफायर्स में पाकिस्तान के खिलाफ अपना पदार्पण किया था। इसके बाद उन्होंने 1960 में रोम ओलंपिक में हिस्सा लिया था। वह 1966 में अपना घुटना चोटिल करा बैठे थे और इसके कारण वह करियर छोटा रहा। फुटबॉल से संन्यास लेने के बाद फोर्टुनाटो ने टाटा समूह में जनसंपर्क में एक वरिष्ठ प्रबंधक के रूप में कंपनी को अपनी सेवाएं दी। इसके बाद वह 1999 में वहां से रिटायर हो गए और बाद में वापस गोवा चले गए। ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा, मैं इस दुख को साझा करता हूं कि महान फुटबाल खिलाड़ी फ्रेंको अब हमारे बीच नहीं हैं। वह भारतीय फुटबॉल की स्वर्णिम पीढ़ी के सदस्य थे, जिन्होंने 1962 के एशियाई खेलों में भारत को स्वर्ण पदक जीतने में मदद करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारतीय फुटबॉल में उनका योगदान कभी नहीं भूला जा सकता। - -आईएएनएस जेएनएस

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