
नई दिल्ली रफ्तार डेस्क|चीन के हांगझोऊ में अनु रानी ने मंगलवार को जेवलिन थ्रो में इतिहास रचने में कामयाबी हासिल की है। अन्नू की बात करें, तो एशियाई खेलो में जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाली पहले महिला एथलीट हो चुकी है। मंगलवार को बात करें तो भारतीय टीम का प्रदर्शन भी जबरदस्त रहा है। अनु रानी से पहले पारुल चौधरी ने भी भारत को गोल्ड मेडल दिलाकर सफल हो चुके हैं।
अनु रानी ने जैवलिन थ्रो में भारत को गोल्ड जिताकर शानदार कारनामा कर दिया है। 72 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, जब भारत की महिलाओं ने जैवलिन थ्रो में गोल्ड लाकर देश का नाम रोशन किया हो। फाइनल में अनु रानी शानदार प्रदर्शन करते हुए मेडल पर कब्जा जमाने में कामयाब रही है। अनु रानी के प्रदर्शन की हर कोई सराहना कर रहा है।
अपने चौथे प्रयास के दौरान भारत की तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के दौरान 62.92 मीटर का थ्रो फेंकने का शानदार काम किया है। श्रीलंका की नदीशा दिलहान ने सिल्वर मेडल प्राप्त किया है, वे दूसरे नंबर पर बनी हुई है। अनु रानी ने काफी चुनौतियों का सामना किया है। अनु रानी गन्ना फेंककर जैवलीन के खेल का अभ्यास किया करती थी।
अनु रानी ने चंदा लेकर अपना जूता खरीदा, वह अपने पिता से छिपकर जैवलिन थ्रो में अभ्यास के लिए जाती थी। । वह अपने घर में सबसे छोटी हैं, उनके सबसे बड़े भाई उपेंद्र कुमार ने उनके सपनों की उड़ान करने में मदद की है।एशियन गेम्स में भारत को गोल्ड मेडल हासिल करवाने के पहले अनू रानी कई इवेंट में शामिल हो चुकी हैं। एशियन गेम्स में उनसे बेहतर प्रदर्शन को लेकर उम्मीद लगाई जा रही थी। लेकिन गोल्ड मेडल जीतने के बाद उन्होंने इताहिक बना दिया है। अनु रानी के प्रदर्शन पर सोशल मीडिया पर हर कोई तारीफ कर रहा है।