एडिडास ने खेलों में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी की वकालत की
नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। ओलंपिक पदक विजेता भारोत्तोलक (वेटलिफ्टर) सैखोम मीराबाई चानू ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के वसंत कुंज स्थित द प्रोमेनेड मॉल में एडिडास स्टोर का दौरा किया, जहां मीराबाई को कस्टमाइज्ड एडिडास जूते भेंट किए गए। आयोजन के दौरान, ब्रांड एडिडास के वरिष्ठ निदेशक सुनील गुप्ता भी भारोत्तोलन समुदाय की कई युवा लड़कियों के साथ उपस्थित रहे। मीराबाई चानू ने ओलंपिक खेलों में अपनी सफलता से न केवल सभी को चकित और गौरवान्वित किया है, बल्कि वह अब देश भर में कई महिलाओं के लिए साहसी खेल को अपनाने के लिए एक प्रेरणा और प्रेरक शक्ति के रूप में उभरीं हैं। मीराबाई की हालिया जीत पर, भारत के ब्रांड एडिडास के वरिष्ठ निदेशक, सुनील गुप्ता ने कहा, हमें मीराबाई की सफलता पर बेहद गर्व है और यह हमें उनकी अविश्वसनीय यात्रा का हिस्सा बनने के लिए बहुत खुशी देता है। हमारा उद्देश्य हमारे भागीदारों सहित सभी एथलीटों को प्रशिक्षण और प्रतियोगिता में सर्वोत्तम उत्पाद प्रदान करके उनके एक असंभव से कार्य को भी हासिल करने में सक्षम बनाना है। मुझे आशा है कि उनकी सफलता युवा लड़कियों को अपने सपनों पर विश्वास करने और उन्हें पूरा करने की संभावनाओं को देखने के लिए प्रेरित करती है। सुनील गुप्ता ने आगे कहा, मीराबाई चानू का ओलंपिक पदक एथलीट के लिए केवल एक उपलब्धि से अधिक है, क्योंकि उन्होंने अतीत में कई बाधाओं से पार पाया है। महिलाओं का समर्थन करने की हमारी प्रतिबद्धता पर खरा उतरते हुए, ब्रांड एडिडास का इरादा अधिक महिला केंद्रित उत्पाद लाने का है, ताकि उन्हें बाधाओं को तोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। एडिडास स्टोर में कार्यक्रम के दौरान, मीराबाई चानू ने कहा, एक अंतराष्र्ट्ीय खेल आयोजन में हमारे देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक दूरस्थ गांव से मेरी यात्रा स्पष्ट रूप से दिखाती है कि खेल लिंग या रूढ़ियों की परवाह नहीं करता है। हमारे समाज में, भारोत्तोलन को हमेशा पुरुष प्रधान खेल के रूप में माना जाता रहा है, इस तरह की रूढ़ियों को तोड़ने के लिए बहुत साहस और कड़ी मेहनत करनी पड़ी। मैं चाहती हूं कि महिलाएं सपने देखें और खुद पर विश्वास करें, ताकि वे संभावनाओं को देख सकें। वह भारोत्तोलन समुदाय की युवा लड़कियों से मिलीं और उनसे आकांक्षाओं, चुनौतियों का सामना करने और उन्हें एक खेल के रूप में भारोत्तोलन को अपनाने के लिए प्रेरित करने के बारे में बात की। उन्होंने युवा लड़कियों के साथ समय बिताया और उनकी बातें सुनने के अलावा उन्हें प्रेरित भी किया। उन्होंने कई उतार-चढ़ाव सहित अपनी यात्रा और अनुभवों को साझा करके युवा लड़कियों को प्रेरित करके बातचीत का समापन किया। मीराबाई की यात्रा एक कठिन संघर्ष की एक उत्कृष्ट कहानी है, जहां उनकी विद्रोही आशावाद और कड़ी मेहनत ने उन्हें विश्व मंच पर पहुंचा दिया। --आईएएनएस एकेके/आरजेएस