
नई दिल्ली,एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट तमिलनाडु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पथ संचलन की अनुमति देने के मद्रास हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर 3 मार्च को सुनवाई करेगा। तमिलनाडु सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने बुधवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए कहा कि तमिलनाडु में छह जिले ऐसे हैं, जहां पथ संचलन से खतरा हो सकता है। इस पर चीफ जस्टिस ने 3 मार्च को सुनवाई करने का आदेश दिया।
लोकतंत्र की बेहतरी के लिए विरोध भी जरूरी
तमिलनाडु सरकार की याचिका में मद्रास हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि आरएसएस के पथ संचलन से राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। दरअसल पथ संचलन की अनुमति देते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने आदेश में कहा था कि लोकतंत्र की बेहतरी के लिए विरोध भी जरूरी है।
संघ को पथ संचलन की अनुमति दी
तमिलनाडु में आजादी के 75 साल पूरे होने पर आरएसएस राज्य भर में पथ संचलन का आयोजन करना चाहता था। इस पर मद्रास हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने 4 नवंबर, 2022 को रोक लगा दी थी। सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच में चुनौती दी गई। डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को पलटते हुए संघ को पथ संचलन की अनुमति दी है। डिवीजन बेंच के इसी आदेश को तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।