नई दिल्ली, हि.स.। अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की रस्म आगामी 22 जनवरी को दोपहर 12:20 पर पूरी होगी। राम मंदिर का निर्माण कर रही संस्था श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया से बातचीत में प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त बताया। चंपत राय ने कहा, "प्राण प्रतिष्ठा के बाद आरती करना, पास पड़ोस के बाजारों में- मोहल्ले में भगवान का प्रसाद वितरण करना और समल सूर्यास्त के पश्चात दीपक जलाना।"
प्राण प्रतिष्ठा में कौन होंगे अतिथि
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चम्पत राय ने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघचालक डॉ मोहन भागवत , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शामिल होंगे । इसके अलावा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष, मणि रामदास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास महराज भी उपस्थित रहेंगे।
इतना ही नहीं देश के विभिन्न क्षेत्रों से मठ-मन्दिरों के चार हजार से अधिक संत, महंत और साधु-सन्यासी को भी न्यौता भेजा गया हैं। वहीं रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में भारत की 125 से अधिक परंपराओं तथा उपासना पद्धतियों से जुड़े आचार्य, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उपस्थित रहेंगे। इनके आलावा सभी 13 अखाड़े, सभी 6 दर्शन और उनके अनुयायी संत महापुरुषों को आमंत्रण भेजा गया है। जो 22 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगे। इसके अलावा चम्पत राय ने बताया कि भारत में जितनी भी विधायें हैं उनसे जुड़े लगभग 2500 लोगों को भी न्योता भेजा गया है।
देशवासियों को दिया गया संदेश
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चम्पत राय ने सभी देशवासियों देते हुए कहा है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से अपील की है कि जो लोग अयोध्या पहुंचने में असमर्थ है। वे अपने आसपास के मंदिरों, सार्वजनिक स्थलों आदि पर स्वच्छता अभियान चलाएं। इस अभियान को 15 जनवरी से शुरू कर 22 जनवरी तक चलाएं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को आस पड़ोस के लोगों के साथ अपने नजदीक वाले मंदिर में जाएं तथा वहां भजन कीर्तन कर भगवान राम की पूजा करें। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर को आनंदोत्सव के रूप में मनाएं। उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि आवश्यकता के मुताबिक इन स्थानों पर एलईडी, टीवी लगाएं और दूरदर्शन द्वारा होने वाले सीधा प्रसारण से अयोध्या में हो रही प्राण प्रतिष्ठा के सहभागी बनें। आसपास जो भी मंदिर हो वहां जाकर दीपक जरुर जलाएं। ऐसा करके सभी मंदिरों को जागृत कर सकते हैं। आरती पूरी होने बाद लोगों में प्रसाद का वितरण करें। प्रसाद का कोई स्वरूप नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि जिस मंदिर में जो प्रसाद बंटता है, वही प्रसाद बांटा जाए। स्थानीय उपलब्धता और सामर्थ्य के आधार पर ही प्रसाद वितरण करें। इसके बाद शाम के समय दीपक जलाएं और घर आंगन के साथ सृष्टि को आलोकित करें। देश के करोड़ो लोगों के दीपक जलाने का संदेश सारे संसार को जाना चाहिए।