सभापति धनखड़ ने सदन के अनिश्चितकालीन स्थगन की घोषणा के दौरान चिंता जताते हुए कहा कि यह विडंबना है कि संसद में अव्यवस्था नई व्यवस्था बन रही है। यह नया मानदंड लोकतंत्र के सार को नष्ट कर देता है।