Rajasthan Election: 18 सीटों पर होगी काटे की टक्कर, कांग्रेस ने एक तो भाजपा ने 8 विधायकों का काटा टिकट

Jaipur: राजस्थान के विधानसभा चुनाव का इतिहास रहा है कि यहां अब तक भारतीय जनता पार्टी-कांग्रेस में आमने-सामने का मुकाबला होता आया है। इस बार भी कमोबेश ऐसा ही हाल है।
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जयपुर, हि.स.। राजस्थान के विधानसभा चुनाव का इतिहास रहा है कि यहां अब तक भारतीय जनता पार्टी- कांग्रेस में आमने-सामने का मुकाबला होता आया है। इस बार भी कमोबेश ऐसा ही हाल है। राजस्थान में 16वीं विधानसभा के लिए 25 नवम्बर को वाेटिंग होगी। इसके लिए भाजपा ने जहां दो सूचियां जारी कर 124 उम्मीदवारों का ऐलान किया हैं, वहीं कांग्रेस ने शनिवार को एक सूची जारी कर 33 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। हालत यह है कि कांग्रेस ने 33 में से केवल एक स्थान पर अपना प्रत्याशी बदला है। जबकि, भाजपा ने 8 विधायकों के टिकट काटे हैं और 15 सीटों पर चेहरे बदले हैं।

कांग्रेस ने पहली और भाजपा ने दूसरी सूची की जारी

लंबे इंतजार के बाद शनिवार को विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस ने पहली और भाजपा ने दूसरी सूची जारी की। भाजपा ने दूसरी सूची में 83 और कांग्रेस ने पहली सूची में 33 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं। भाजपा अब तक 200 में से 124 सीटों पर टिकट डिक्लेयर कर चुकी है। जबकि, 76 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा बाकी है। वहीं 167 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों की घोषणा होनी है। भाजपा की 2 और कांग्रेस की पहली सूची सामने आने के बाद प्रदेश की 18 सीटें ऐसी हैं। जहां दोनों पार्टियों ने अपने पत्ते खोल दिए हैं।

लक्ष्मणगढ़ में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के सामने भाजपा से पूर्व सांसद और मंत्री सुभाष महरिया होंगे। जबकि, नाथद्वारा सीट पर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के सामने भाजपा ने मेवाड़ के पूर्व राजघराने के कुंवर विश्वराज सिंह मेवाड़ को उतारा है। सवाई माधोपुर में भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा का मुकाबला कांग्रेस के दानिश अबरार से होगा।

बीजेपी-कांग्रेस में होगा कड़ा मुकाबला

लक्ष्मणगढ़ में 10 साल बाद गोविंद सिंह डोटासरा और सुभाष महरिया आमने-सामने हैं। 2013 में डोटासरा ने बीजेपी उम्मीदवार सुभाष महरिया को 10 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। 10 साल में सियासी हालात काफी बदले हैं। डोटासरा अब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हैं और 3 बार विधायक रह चुके हैं। सुभाष महरिया कांग्रेस में जाकर वापस बीजेपी में आए हैं। डोटासरा के सामने पुराना प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है। डोटासरा सार्वजनिक रूप से महरिया को चुनौती मानने से इनकार कर चुके हैं।

इसी तरह नाथद्वारा में विधानसभा स्पीकर के सामने महाराणा प्रताप के वंशज है। स्पीकर और कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सीपी जोशी के सामने इस बार बीजेपी ने नाथद्वारा से मेवाड़ के पूर्व राजघराने के विश्वराज सिंह को उम्मीदवार बनाया है। सीपी जोशी इस सीट पर अपने सियासी शिष्य कल्याण सिंह चौहान से 2008 में एक वोट से हार गए थे। कल्याण सिंह ने 2013 में भी सीपी जोशी को हराया था। दो बार की हार के बाद 2018 में जोशी नाथद्वारा से जीते। इस बार उनका मुकाबला महाराणा प्रताप के वंशज से है, यहां चुनावी मुकाबला काफी रोचक होने के आसार हैं।

इस बार फिर यहां रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है

सवाईमाधोपुर से बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा और कांग्रेस उम्मीदवार दानिश अबरार के बीच मुकाबला है। इस सीट पर कांग्रेस ने सीएम सलाहकार दानिश को फिर से मौका दिया है। सवाईमाधोपुर में सीमेंट फैक्ट्री के आंदोलन से किरोड़ीलाल मीणा ने सियासी करियर शुरू किया था, इसलिए उनकी पुरानी पकड़ है। राजधानी जयपुर की मालवीय नगर सीट से कांग्रेस अब तक नहीं जीती है।

परिसीमन के बाद बनी इस सीट पर 2008 से लेकर अब तक बीजेपी विधायक कालीचरण जीतते आ रहे हैं। इस सीट पर तीसरी बार अर्चना शर्मा और कालीचरण सराफ आमने सामने हैं। अर्चना शर्मा ने 2013 और 2018 में भी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गई थीं। 2018 में कड़े मुकाबले में अर्चना करीब 1500 वोटों के अंतर से हारीं थीं। इस बार फिर यहां रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है।

भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने मंजू नाम से प्रत्याशी को उतारा

जायल सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने मंजू नाम से प्रत्याशी को उतारा है। भाजपा ने मंजू बाघमार और कांग्रेस से मंजू देवी है। नोहर से अभिषेक मटोरिया के सामने अमित चाचान, सुजानगढ़ से संतोष मेघवाल के सामने मनोज मेघवाल, मंडावा से नरेन्द्र कुमार (सांसद) के सामने रीटा चौधरी, सांगानेर से भजनलाल शर्मा (प्रदेश महामंत्री) के सामने पुष्पेन्द्र भारद्वाज, मुंडावर से मंजीत धर्मपाल चौधरी के सामने ललित कुमार यादव, अलवर ग्रामीण से जयराम जाटव के सामने टीकाराम जूली (मंत्री), परबतसर से मानसिंह किनसरिया के सामने रामनिवास गावरिया, बायतू से बालाराम मूंढ के सामने हरीश चौधरी (पंजाब प्रभारी), डूंगरपुर से बंसीलाल कटारा के सामने गणेश गोघरा, बागीदौरा से कृष्णा कटारा के सामने महेन्द्रजीत सिंह मालवीय (मंत्री), कुशलगढ़ से भीमाभाई डामोर के सामने रमीला खाडिया, प्रतापगढ़ से हेमंत मीणा के सामने रामलाल मीणा और मांडलगढ़ से गोपाललाल शर्मा के सामने विवेक धाकड़ मैदान में हैं।

भाजपा ने काटे 8 विधायकों के टिकट

भाजपा ने अपनी 83 नामों की सूची में कमोबेश सभी पुराने उम्मीदवारों को दोबारा मौका दिया है, लेकिन इसमें जो सबसे चौंकाने वाली बात है वो बात यह है कि आठ मौजूदा विधायकों के टिकट काटे गए हैं। जबकि दो विधायकों की जगह बदली गई है।

पार्टी ने जोधपुर से सूर्यकांता व्यास, सांगानेर से अशोक लाहोटी, सूरजगढ़ से सुभाष पूनियां, घाटोल से हरेन्द्र नीनामा, बड़ी सादड़ी से ललित ओस्तवाल, चित्तौड़गढ़ से चन्द्रभान आक्या, नागौर से मोहनराम चौधरी, मकराना से रुपाराम मुरावतिया का टिकट काटा है। साथ ही, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को चूरू की जगह तारानगर और विद्याधर नगर से सीट कटने के बाद नाराज चल रहे भैरोसिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी को चित्तौड़गढ़ शिफ्ट किया है।

दो सूची में भाजपा ने दिया 14 महिलाओं को मौका

भाजपा की पहली 41 नामों की सूची में सिर्फ चार महिलाओं को जगह मिल पाई थी। इस बार दूसरी सूची के 83 नामों में 10 महिलाओं को मौका मिला है। इनमें वसुंधरा राजे, सिद्धी कुमारी, अनिता भदेल, मंजू बाघमार, संतोष अहलावत, शोभा चौहान, ज्योति मिर्धा, दीप्ती माहेश्वरी, संतोष बावरी और सुमित भींचर को टिकट दिया गया है। जबकि कांग्रेस ने नौ सीटों पर महिला उम्मीदवारों को तरजीह दी है।

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