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रायपुर : कोरोना मरीजों के इलाज में कई दवाइयों का अनावश्यक बहुत ज्यादा उपयोग : टीएस सिंहदेव

विशेषज्ञों से गर्भवती महिलाओं और बच्चों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था बनाने कहा टीएस सिंहदेव ने पोस्ट कोविड मैनेजमेंट पर विशेषज्ञों और वरिष्ठ अधिकारियों से किया विमर्श रायपुर, 13 मई (हि.स.)। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री टीएस सिंहदेव ने गुरुवार को वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों और प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञों से कोरोना संक्रमितों के पोस्ट कोविड मैनेजमेंट पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञों से गर्भवती महिलाओं और बच्चों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था बनाने कहा। स्वास्थ्य मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से एम्स रायपुर तथा प्रदेश के सभी नौ शासकीय मेडिकल कॉलेजों के अधिष्ठाताओं और विशेषज्ञों से चर्चा कर कोविड-19 के इलाज के बाद मरीजों को आ रही शारीरिक तकलीफों और इससे उत्पन्न स्थिति की समीक्षा कर इसके बेहतर प्रबंधन के निर्देश दिए। उन्होंने सभी मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञों से कहा कि वे वर्तमान परिस्थितियों, कोविड मरीजों के इलाज व रिकवरी संबंधी तथ्यों एवं आंकड़ों का विश्लेषण कर बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए अपने सुझाव स्वास्थ्य विभाग को भेजें। सिंहदेव ने कोविड-19 के उपचार संबंधी आंकड़ों एवं प्रोटोकॉल का अध्ययन कर इसके इलाज से जुड़ी भ्रांतियों और अफवाहों को दूर करने कहा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के संबंध में आम धारणा है कि इससे युवा सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। पर यदि हम पहली और दूसरी लहर के आंकड़ों को देखें तो इससे प्रभावितों का पैटर्न लगभग एक जैसा है। भले ही अलग-अलग आयु वर्ग के कोरोना संक्रमितों की संख्या दूसरी लहर में पहली लहर की तुलना में अधिक है। कोरोना मरीजों के इलाज में दवाईयों के उपयोग को लेकर भी अनेक भ्रांतियां हैं। कई दवाईयों का अनावश्यक बहुत ज्यादा उपयोग भी देखने में आया है। इनके दुष्प्रभाव भी मरीजों में दिख रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने बैठक में कहा कि कोरोना संक्रमितों के इलाज से जुड़े तथ्यों एवं आंकड़ों का गहराई से विश्लेषण जरूरी है। कोरोना से ठीक हुए लोगों की पोस्ट कोविड मैनेजमेंट के साथ इलाज और दवाईयों के उपयोग का मेडिकल ऑडिट किया जाना चाहिए। उन्होंने इसके लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के साथ मिलकर मेडिकल ऑडिट टीम बनाने का सुझाव दिया। डॉ. शुक्ला ने कहा कि कोरोना के इलाज में उपयोग की जा रही बहुत सी दवाईयां अभी प्रयोगात्मक स्तर पर हैं। इनका अनावश्यक उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। एम्स रायपुर के निदेशक डॉ. नितिन एम. नागरकर ने कहा कि कोविड-19 के प्रबंधन में प्रोटोकॉल का पालन जरूरी है। दवाईयों के दुष्प्रभाव और इसके प्रयोगात्मक चरण को देखते हुए इनका बहुत सावधानी से उपयोग किया जाना चाहिए। वीडियो कॉन्फ्रेंस में सभी मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञों ने कोरोना मरीजों के इलाज, संक्रमित गर्भवती महिलाओं, बच्चों के उपचार, आईसीयू और वेंटिलेटर के उपयोग के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा

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