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रायपुर : छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में नई सुबह, किसानों को मिलने लगा उनका हक

मसाहती पट्टा मिलने के बाद सत्यनारायण उसेंडी ने पहली बार लैम्पस में बेचा धान रायपुर, 22 जून (हि.स.) । छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिला के अबूझमाड़ क्षेत्र के किसान वैसे तो शुरू से ही खेती करते आ रहे हैं, लेकिन गांव का सर्वे नहीं होने के कारण उनके पास पट्टे नहीं थे। इस वजह से न तो वे लैम्पस में धान बेच पा रहे थे और न ही उन्हें शासन की किसी योजना का लाभ मिल पा रहा था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व मेें अबूझमाड़ क्षेत्र के गांवों में राज्य सरकार द्वारा प्राथमिकता के साथ सर्वे का काम तेजी से किया जा रहा है। ओरछा विकासखंड के चार गांव जहां राजस्व सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो चुका है, वहां किसानों को मसाहती पट्टों का वितरण किया गया है। मसाहती पट्टा मिलने के बाद ऐसे किसानों को अब शासन की योजनाओं का लाभ भी मिलना प्रारंभ हो गया है। इस क्षेत्र के कुरूसनार गांव के एक किसान सत्यनारायण उसेंडी ने इस वर्ष पहली बार लैम्पस में धान समर्थन मूल्य पर बेचा और उन्हें धान के एवज में 16 हजार रुपये की राशि मिली। मसाहती पट्टा मिलने से इस बार पहली बार उन्होंने लैम्पस में धान बेचा। मुख्यमंत्री बघेल ने उनसे पूछा कि उनके गांव में कितने किसान खेती कर रहे हैं और उनके पास कितनी जमीन है। सत्यनारायण उसेंडी ने बताया कि उनके गांव में लगभग 40 किसान खेती कर रहे हैं। किसानों के पास जकर एकड़ से लेकर आठ एकड़ जमीन है। इस बार उन्होंने 10 क्विंटल धान पहली बार बेचा। उल्लेखनीय है कि नारायणपुर जिले के ओरछा और नारायणपुर विकासखंड के गांवों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। ओरछा के 237 और नारायणपुर विकासखंड के नौ गांवों में सर्वेक्षण नहीं हो पाया था। राज्य सरकार द्वारा इन गांवों का सर्वेक्षण प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है। ओरछा विकासखंड के 4 गांवों को प्रारंभिक सर्वेक्षण पूरा हो गया है। उन्हें भुइंया सॉफ्टवेयर से जोड़ दिया गया है। इससे अब वहां के 1041 किसान शासन की योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। हिन्दुस्थान समाचार / गेवेन्द्र

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