रायपुर : मधुमक्खियों ने आदिवासी किसानों के जीवन में घोली शहद की मिठास

raipur-bees-mixed-the-sweetness-of-honey-in-the-lives-of-tribal-farmers
raipur-bees-mixed-the-sweetness-of-honey-in-the-lives-of-tribal-farmers

ट्रायफेड, खादी इंडिया और फ्लिपकार्ट पर बिक रहा है कोरिया के आदिवासी किसानों द्वारा उत्पादित शहद रायपुर, 27 जून (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल जिले कोरिया में कृषि विज्ञान केन्द्र के मार्गदर्शन में गठित किसान उत्पादक संगठन द्वारा किये जा रहे मधुमक्खी पालन तथा शहद उत्पादन व्यवसाय ने इन आदिवासी किसानों के जीवन में शहद की मिठास घोल दी है। किसान उत्पादक संगठन के 17 सदस्यों द्वारा संचालित मधुमक्खी पालन कृषि कुटीर उद्योग के अंतर्गत मधुमक्खी पेटी तथा मधुमक्खी काॅलोनी के निर्माण के साथ ही करंज, वन तुलसी, सरसाे, सौंफ आदि फसलों एवं जंगली वृक्षों के फूलों तथा परागकणों से शुद्ध एवं गुणवत्तायुक्त शहद तैयार किया जा रहा है। उनके द्वारा ट्रायफेड, खादी इंडिया, छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प बोर्ड के विक्रय केन्द्रों और ई-काॅमर्स साईट फ्लिपकार्ट के माध्यम से लगभग चार लाख रूपये मूल्य का शहद विक्रय किया जा चुका है तथा लगभग तीन लाख रूपये मूल्य का शहद विक्रय हेतु उपलब्ध है। इसके साथ ही समूह द्वारा विभिन्न संस्थाओं एवं संगठनों को मधुमक्खी पेटी एवं मधुमक्खी काॅलोनी की भी भी आपूर्ति की जा रही है। सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी संजय नैयर के अनुसार मधुमक्खी पेटी निर्माण, शहद उत्पादन एवं मधुमक्खी काॅलोनी तैयार करने से इस कृषक उत्पादक संगठन को वित्तीय वर्ष 2021-22 में सात से आठ लाख रुपये का शुद्ध लाभ प्राप्त होने की उम्मीद है, जिससे प्रत्येक किसान को 45 से 50 हजार रुपये की आमदनी होगी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया द्वारा कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण व्यवसाय को बढ़ावा देने तथा किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से एक कृषक उत्पादक संगठन गठित किया गया है। इस संगठन में कुल 17 कृषक सदस्य हैं जिनमें से अधिकांश आदिवासी हैं। इस कृषक संगठन ने कृषि विज्ञान कोरिया के मार्गदर्शन में पिछले वर्ष मधुमक्खी पालन एवं शहद उत्पादन का कार्य प्रारंभ किया। कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा संगठन के सदस्यों को बिहार एवं झारखण्ड के प्रशिक्षकों से मधुमक्खी पालन तथा शहद उत्पादन का प्रशिक्षण दिलाया गया। इस संगठन द्वारा 10 फ्रेम वाली यूरोपीयन मधुमक्खी पेटी एवं सेलोव सुपर पेटी का निर्माण किया जा रहा है। यहां प्रतिदिन 10 से 15 मधुमक्खी पेटियों का निर्माण होता है। मधुमक्खी पेटी के विक्रय पर प्रति पेटी 400 रुपये का मुनाफा प्राप्त होता है। कृषक संगठन द्वारा मधुमक्खी पेटी के निर्माण के साथ ही मधुमक्खी काॅलोनी भी तैयार की जा रही हैं। इस समूह द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में 70 मधुमक्खी काॅलोनी तैयार की गई जिससे उन्हें डेढ़ लाख रुपये की आमदनी प्राप्त हुई। कृषक उत्पादक संगठन को वित्तीय वर्ष 2020-21 में विभिन्न संस्थानों से 75 मधुमक्खी पेटी की आपूर्ति का आदेश प्राप्त हुआ जिससे उन्हें डेढ़ लाख रुपये की आय प्राप्त हुई। वित्तीय वर्ष 2021-22 में अब तक समूूह को दो लाख 30 हजार मूल्य के मधुमक्खी पेटी आपूर्ति के आदेश प्राप्त हो चुके हैं। कृषक उत्पादन संगठन द्वारा क्षेत्र के 150 से अधिक किसानों को मधुमक्खी बाॅक्स प्रदान किये गये हैं जिससे प्राप्त शहद का विक्रय इस संगठन द्वारा किया जाता है। इसके अलावा यह वनवासियों द्वारा एकत्रित जंगली शहद को भी क्रय करता है जिससे आदिवासी किसानों एवं वनवासियों को रोजगार भी मिल रहा है। इस तरह मधुमक्खी पालन एवं शहद उत्पादन व्यवसाय से कोरिया जिले के आदिवासी किसानों का जीवन संवर रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/चंद्रनारायण शुक्ल

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in