raipur--education-secretary-called-upon-the-teachers-to-complete-the-setu-campaign-in-30-days
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रायपुर- शिक्षा सचिव ने सेतु अभियान को 30 दिनों में पूर्ण करने शिक्षकों से किया आव्हान

- राज्य स्तरीय वेबीनार में दो दिनों में एक लाख से अधिक शिक्षकों ने लिया भाग रायपुर, 22 जून (हि.स.)। स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने आज राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा सेतु अभियान के तहत आयोजित राज्य स्तरीय वेबीनार में शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि इस वर्ष हमें बच्चों को पढ़ाने के दरम्यान पिछली कक्षा के कौशलों को पढ़ाकर ही आगे बढ़ना है। सेतु पाठ्यक्रम को निर्धारित समय-सीमा 30 दिन में पूर्ण करना है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के बच्चे ऑनलाईन कक्षाओं के बावजूद भी ज्यादा प्रभावित हुए हैं। सेतु पाठ्यक्रम क्या है, इसे कैसे पढ़ाना है, इसकी जानकारी देने के लिए एससीईआरटी द्वारा 5 दिन का ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम द्वारा सेतु पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया गया था। सोमवार को कक्षा दूसरी और कक्षा तीसरी के पाठ्यक्रम की ट्रेनिंग टीचर्स को ऑनलाइन दी गई। पिछले 2 दिनों में प्रदेशभर के अब एक लाख तीन हजार शिक्षकों ने भाग लिया। स्कूल शिक्षा के सचिव डॉ. कमलप्रीत ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। वैकल्पिक साधन अपनाए जाने के बावजूद भी हमने उस स्तर को प्राप्त नहीं किया है। छोटी कक्षाओं में इसका असर ज्यादा हुआ है। नई कक्षा की पढ़ाई प्रारंभ करने से पूर्व हमें पिछली कक्षा के कौशल एवं दक्षताओं को प्राप्त करना है। इसी को ध्यान में रखते हुए एससीईआरटी द्वारा सेतु पाठ्यक्रम (ब्रिज कोर्स) तैयार किया गया है। डॉ. कमलप्रीत सिंह ने यह भी कहा कि लगातार प्रशिक्षण से राज्यों के ‘परफार्मेन्स ट्रेनिंग इंडेक्स‘ में भी सुधार की गुंजाइश है। वेबीनार में एससीईआरटी के डायरेक्टर डी. राहुल वेंकट ने कहा कि एससीईआरटी द्वारा पहले हर विषय के एक्सपर्ट की टीम गठित की गई। एक्सपर्ट को हर क्लास के जरूरी टॉपिक आइडेंटिफाई करने कहा गया। हर विषय के ऐसे टॉपिक्स को छांटने के बाद सेतु पाठ्यक्रम बनाया गया। उदाहरण के तौर पर अगर कोई छात्र चौथी क्लास में पहुंचा है तो हम उसे तीसरी के ऐसे टॉपिक पढ़ाएंगे जो चौथी की पढ़ाई से पहले उसके लिए जानना जरूरी है। एससीईआरटी द्वारा इस कार्य की मॉनीटरिंग भी की जाएगी। एससीईआरटी के अतिरिक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे ने बताया कि इस बार की पढ़ाई पिछली बार से अलग होगी। इस बार में प्रत्येक कक्षा का टाइम टेबल बनाकर उस कक्षा की किताबों से ही पढ़ाया जाना है। यदि बच्चे को पिछली कक्षा का कौशल नहीं आता है तो इसी ‘लर्निंग गैप‘ को पूर्ण करने के लिए सेतु अभियान प्रारंभ किया गया है। उल्लेखनीय है कि कोरोना के कारण सत्र 2020-21 में स्कूल सालभर बंद रहे। स्टूडेंट्स को ऑनलाइन क्लास, मोहल्ला क्लास के जरिए पढ़ाया गया। लाखों स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन क्लास अटैंड की। वहीं, हजारों छात्र ऐसे भी रहे जो रेगुलर क्लास अटैंड नहीं कर सके, फिर भी पास होकर अगली कक्षा में पहुंच गए। ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने पिछली कक्षा में ठीक से पढ़ाई नहीं की, उन्हें नए सत्र में कई टॉपिक समझने में दिक्कत हो सकती है। इसे ध्यान में रखकर एससीईआरटी ने कक्षा दूसरी से 8वी कक्षा तक के बच्चों के लिए एक महीने का ब्रिज कोर्स (सेतु पाठ्यक्रम) तैयार किया है। इसके तहत स्टूडेंट्स को टीचर एक महीने तक पिछली क्लास के जरूरी टॉपिक पढ़ाएंगे। ऐसे टॉपिक जो अगली कक्षा की पढ़ाई के लिए जानने जरूरी हैं, इसके लिए टीचर्स को ट्रेनिंग भी दी जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/ गायत्री प्रसाद

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