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रायगढ़ :भीग गया करोड़ों का धान, समिति प्रबंधकों की खामी या शासन-प्रशासन की उपेक्षा ?

रायगढ़,18फरवरी (हि.स.) ।मौसम विभाग ने यूं तो पहले ही अलर्ट कर दिया था, बावजूद सहकारी समितियों में आसमां के नीचे रखा करोड़ों का धान मंगलवार एवं बुधवार को हुई बारिश में भीग गया।यह तय करना कठिन है कि इस भीगे धान का नुकसान किस के मत्थे मढ़ा जाए। धान के धीमे उठाव को लेकर समिति प्रबंधकों द्वारा माह भर पहले से ही चिंता जताई जा रही थी। प्रबंधकों की माने तो उन्होंने उच्चाधिकारियों सहित मंत्री लेवल तक अपनी कठिनाई बताई है कि राजधानी से टीओ ना कटने के कारण, वहीं जिले से सीमित डीओ काटे जाने की वजह से समितियों में बेहिसाब भंडारण हो गया है।वहीं दूसरी ओर यह लापरवाही समिति प्रबंधकों की भी कही जा सकती है। जो 10 नये तिरपाल खरीदी जाने की बात पर मुहर तो लगाते हैं, परंतु वास्तविकता इसके विपरीत देखी जा रही है। यदि वास्तव में 10 नए तिरपाल प्रबंधकों के पास हों तो बेशुमार धान सुरक्षित रखा जा सकता है, फिर यह स्थिति क्यों कर बनी। हमारे संवाददाता जब क्षेत्र की चर्चित मुरा सहकारी समिति पहुंचे तो पुराने तिरपाल और प्लास्टिक की पन्नियों से धान को ढंकने की नाकाम कोशिश की जा रही थी। हालांकि फिर ना सिर्फ उन्होंने, साथ ही अंचल की अनेक समितियों ने आनन-फानन में धान को सुरक्षित रखने के लिए व्यवस्था तो की, परंतु उस धान का क्या होगा जो पहले ही बारिश में भीग चुका है। हिन्दुस्थान समाचार /रघुवीर प्रधान-hindusthansamachar.in

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