
नई दिल्ली, हि.स.। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को दिवंगत महान गायिका लता मंगेशकर को उनकी 94वीं जयंती पर याद किया। प्रधानमंत्री ने एक्स पर भावुक पोस्ट लिखा जिसमें उन्होंने भारतीय संगीत में मंगेशकर के योगदान को याद किया। इसके साथ पीएम मोदी ने शहीद भगत सिंह को उनकी जयंती पर याद किया।
पीएम मोदी ने एक्स पर की भावुक पोस्ट
पीएम मोदी ने एक्स पर किए अपने पोस्ट में कहा, “लता दीदी को उनकी जयंती पर याद कर रहा हूं। भारतीय संगीत में उनका योगदान दशकों तक फैला है, जिसने एक चिरस्थायी प्रभाव पैदा किया है। उनकी भावपूर्ण प्रस्तुतियों ने गहरी भावनाएं पैदा कीं और हमारी संस्कृति में उनका हमेशा एक विशेष स्थान रहेगा।''
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को हुआ था
उल्लेखनीय है कि लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को हुआ था और उन्होंने कम उम्र में ही गायन में अपना करियर शुरू कर दिया था। अपने करियर में गायिका ने एक हजार से अधिक हिंदी फिल्मों के लिए गाने रिकॉर्ड किए। उन्हें 'मेलोडी की रानी' और 'भारत की कोकिला' के नाम से जाना जाता है। भारत रत्न पुरस्कार विजेता लता मंगेशकर का 6 फरवरी, 2022 को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
लता मंगेशकर का सात दशकों से अधिक का शानदार करियर रहा, जिसकी शुरुआत 1948 की फिल्म 'मजबूर' के गीत 'दिल मेरा तोड़ा, मुझे कहीं का ना छोड़ा' से हुई थी। मंगेशकर ने लगभग छह दशकों तक हिंदी फिल्म संगीत पर राज किया।
प्रधानमंत्री ने किया शहीद भगत सिंह को याद
प्रधानमंत्री ने लिखा, “शहीद भगत सिंह को उनकी जयंती पर याद कर रहा हूं। भारत की स्वतंत्रता के लिए उनका बलिदान और अटूट समर्पण पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। साहस के प्रतीक, वह हमेशा न्याय और स्वतंत्रता के लिए भारत की अथक लड़ाई का प्रतीक रहेंगे।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ''भारत माता के सच्चे सपूत और अमर क्रांतिकारी सरदार भगत सिंह को उनकी जयंती पर मैं स्मरण एवं नमन करता हूं। प्राणों की परवाह न करते हुए भारत को आजाद कराने के लिए आजीवन संघर्ष किया। देश के प्रति उनका समर्पण, त्याग और बलिदान भारत की हर पीढ़ी को प्रेरणा देता रहेगा।”
भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब प्रांत में हुआ था
उल्लेखनीय है कि भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब प्रांत में हुआ था। 23 साल की छोटी उम्र में 23 मार्च 1931 को लाहौर षड्यंत्र मामले में उन्हें ब्रिटिश सरकार ने फांसी की सजा सुनाई थी। 12 साल की उम्र में उन्होंने जलियांवाला बाग नरसंहार देखा था, जिसके बाद उन्होंने भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराने का संकल्प लिया था। वह हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य थे।
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