
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। राष्ट्रपति डॉक्टर द्रौपदी मुर्मू आज गुरुवार को कोलकाता के एक दिवसीय दौरे पर रहेंगी। इस दौरान वह रक्षा पीएसयू गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) कोलकाता में प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट विंध्यगिरी को लॉन्च करेंगी। भारतीय नौसेना के एक अधिकारी के मुताबिक राष्ट्रपति की मौजूदगी में इस अत्याधुनिक स्वदेशी युद्धपोत का जलावतरण करेंगी। आपको बता दें नौसेना में इस युद्धपोत के शामिल होने से उसकी ताकत में काफी इजाफा होगा। केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया पहल के तहत पूर्णत: स्वदेशी तकनीक से अत्याधुनिक युद्धपोत का निर्माण किया गया है।
नशा मुक्ति भारत अभियान में शामिल होंगी राष्ट्रपति
निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार सुबह 10:00 बजे दमदम हवाई अड्डे पर उतरेंगी। 10:25 बजे उनका काफिला हवाई अड्डे से निकल कर राजभवन के लिए रवाना होगा। राजभवन में ही ब्रह्माकुमारियों की ओर से आयोजित नशा मुक्ति भारत अभियान में राष्ट्रपति शामिल होंगी। भोज के बाद अपराह्न 1:25 बजे राष्ट्रपति गार्डन रीच शिप बिल्डर के लिए रवाना हो जाएंगी। यहां कार्यक्रम का समापन 2:50 बजे होगा, जहां से वे हवाई अड्डा के लिए रवाना होंगी। अपराह्न 3:40 बजे राष्ट्रपति हवाई अड्डा पहुंचेंगी और 3:50 बजे उनका विमान दिल्ली के लिए उड़ान भरेगा। इस वजह से कोलकाता के उन सभी रास्तों को कुछ देर के लिए बंद रखा जाएगा, जहां से राष्ट्रपति का काफिला गुजरने वाला है।
कर्नाटक में एक पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा विंध्यगिरी
प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट विंध्यगिरी का नाम कर्नाटक में एक पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है। विंध्यगिरि प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स का छठा जहाज है। प्रोजेक्ट 17ए कार्यक्रम के तहत, मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा चार और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) द्वारा तीन जहाज निर्माणाधीन हैं। परियोजना के पहले पांच जहाज 2019-2022 के बीच एमडीएल और जीआरएसई द्वारा लॉन्च किए गए थे।
31 वर्षों की सेवा के बाद हुआ था सेवामुक्त
नौसेना के अधिकारी ने कहा कि, "ये युद्धपोत प्रोजेक्ट 17 क्लास फ्रिगेट्स (शिवालिक क्लास) के फॉलो-ऑन हैं, जिनमें बेहतर स्टील्थ फीचर्स, उन्नत हथियार और सेंसर, प्लेटफॉर्म प्रबंधन सिस्टम हैं। आईएनएस विंध्यगिरि- जो नीलगिरि वर्ग के युद्धपोतों में छठा और आखिरी था उसने आठ जुलाई 1981 से 11 जून 2012 तक अपनी लगभग 31 वर्षों की सेवा में कई बहुराष्ट्रीय अभ्यास देखे थे और समुद्री निगरानी, तटीय गश्त और समुद्री डकैती विरोधी अभियान चलाए थे। 2011 में एक व्यापारिक जहाज के साथ दुर्घटना में क्षतिग्रस्त होने के बाद इसे सेवामुक्त कर दिया गया था। प्रोजेक्ट 17ए जहाजों को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा इन-हाउस डिजाइन किया गया है। नौसेना के अनुसार, प्रोजेक्ट 17ए जहाजों के उपकरणों और प्रणालियों के लिए 75 फीसदी ऑर्डर एमएसएमई सहित स्वदेशी फर्मों से हैं।