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एडीसी चुनाव जीतने के लिए प्रद्युत को अभी भी आईपीएफटी की तलाश

अगरतला, 17 मार्च (हि.स.)। विश्वासघात के बावजूद तिपरा के अध्यक्ष प्रद्युत किशोर देववर्मन अभी भी त्रिपुरा में एडीसी चुनाव जीतने में आईपीएफटी की मदद लेना चाहते हैं। बुधवार को तुलासीखार में एक चुनावी रैली में, उन्होंने सभी क्षेत्रीय राजनीतिक दलों से जनजातियों के बीच एकता के मुद्दे पर एक छतरी के नीचे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, मैं आईपीएफटी के एनसी देववर्मा, मेंबर कुमार जमातिया का आज भी सम्मान करता हूं, मैं उनका समर्थन चाहता हूं। उनकी सलाह है कि जनजातियों के कल्याण पर आपस में समझौता करना जरुरी हैं। इसलिए, पैसे और सत्ता के लालच के जाल में फंसने से बचकर हमें एकजुट होकर चुनावी मुकाबले में उतरना होगा। फिर जीत का तिलक माथे पर जरूर होगा। उल्लेखनीय है कि एडीसी चुनावों के मद्देनजर हाल ही में इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ़ तुइप्रा (आईपीएफटी) ने तिपरा प्रोग्रेसिव रीजनल एलायंस (तिपरा) के साथ समझौता किया था। शुरू में भाजपा को आईपीएफटी छोड़ना चाहती थी। हालांकि, चुनावों से ऐन पहले आईपीएफटी ने भाजपा के साथ अपने गठबंधन को बहाल रखा। इससे प्रद्युत के अरमानों पर पानी फिर गया। प्रद्युत ने आज चुनावी रैली में आईपीएफटी को वापस अपने पाले में लाने के लिए एक तरह से आंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि केवल जनजाति लोग हमारे कल्याण के बारे में सोचेंगे। परिणामस्वरूप, सभी क्षेत्रीय दलों का एकजुट होना जरूरी है। उनके शब्दों में, धन और शक्ति का आकर्षण जनजातियों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहा है। यही नहीं काफी हद तक बंटवारे में सफल रहा है। लेकिन, अंत में इससे जनजातियों का नुकसान है और इसे समझना होगा। प्रद्युत ने कहा, मैं अभी भी एनसी देववर्मा, मेंबर कुमार जमातिया का सम्मान करता हूं। क्योंकि मैं जनजातियों के कल्याण और ग्रेटर तिपरालैंड के लिए सभी के बीच एकता चाहता हूं। मैं जनजातियों के विकास के सवाल पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं हूं। इसलिए, आईपीएफटी को हमारे साथ एकजुट होकर चुनाव लड़ना उचित होगा। उनका कहना हैं हमें आज बेहतर भविष्य के लिए लड़ना होगा। ऐसे में सभी का एकजुट होना बहुत जरूरी है। प्रद्युत के बयान से आज साफ पता चलता है कि तिपरा अभी भी आईपीएफटी को साथ लेकर एडीसी चुनाव जीतना चाहता है। क्योंकि, पहाड़ की राजनीति में तिपरालैंड एक बड़ा मुद्दा है। नतीजतन, ग्रेटर तिपरालैंड का आह्वान आईपीएफटी के बिना अधूरा है। शायद इस एहसास से, एडीसी चुनावों में जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रद्युत आईपीएफटी को आकर्षित करके अपने पाने लाना चाहते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप/ अरविंद

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