Chhattisgarh Election: छत्तीसगढ़ में जनता करेगी रमन की उम्मीदों का दमन या भूपेश पर बढ़ा भरोसा!

Raman Vs Bhupesh: मध्य प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ का चुनाव काफी दिलचस्प हो चुका है। दो दिन पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मोबाइल पर कैंडी खेलते हुए वीडियो वायरल हुआ था।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व सीएम रमन सिंह।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व सीएम रमन सिंह। रफ्तार।

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। मध्य प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ का चुनाव काफी दिलचस्प हो चुका है। दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मोबाइल पर कैंडी खेलते हुए वीडियो और तस्वीरें वायरल हुईं थीं। कैंडी गेम इतना ही मजेदार यहां का चुनाव है। 15 साल लगातार शासन करने के बाद पिछले 5 साल से भाजपा सत्ता से बाहर है। वहीं, पहली बार सत्ता में आई कांग्रेस अपने शासन को बरकरार रखने के सारे दांव खेल रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विकास कार्यों के अलावा हिंदुत्व का कार्ड खेलने से परहेज नहीं कर रहे।

राम मंदिर निर्माण, बागेश्वरधाम के बाबा का कथा कराया

पिछले 10 महीनों से भूपेश बघेल समेत पूरी कांग्रेस पार्टी प्रदेश में विकास कार्यों के साथ हिंदुत्व का पट्टा खुद पर लगाने में जुटी है। भूपेश बघेल ने रायपुर में राम मंदिर का निर्माण करवाया। इसके अलावा बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बड़े स्तर पर कथावाचन कराया गया। इसके अलावा गो योजना, गोशालयों का निर्माणा समेत कई धार्मिक कार्यों को प्रोत्साहित किया है।

रमन सिंह को लू डूबा गबन

रमन सिंह लगातार 15 साल सत्ता में रहे। इस दौरान उनकी सरकार पर कई बड़े घोटालों का आरोप लगा। इनके घोटालों में उनके मंत्रियों के अलावा बेटे अभिषेक सिंह, रमन की पत्नी और खुद रमन सिंह भी आरोपी हैं। रमन सिंह सरकार पर 15 साल में करीब 25 घोटालों का आरोप लगा है। इन आरोपों की वजह से 2018 के चुनाव में भाजपा सत्ता से बाहर हो गई। कांग्रेस ने जबरदसत जीत दर्ज की। हालांकि कांग्रेस सरकार पर भी घोटालों के आरोप लगे हैं। कांग्रेस सरकार पर भी धान घोटाले का आरोप लगा है।

रमन सिंह से क्षेत्र के भी लोग नाराज

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह से उनके क्षेत्र राजनांदगांव के भी लोग नाराज हैं। रमन सरकार में इस क्षेत्र से सबसे अधिक पलायन हुआ है। ऐसे में लोगों का आरोप है कि रमन ने क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया है। इसके अलावा रमन सरकार में धान का समर्थन मूल्य काफी कम था। वहीं, भूपेश सरकार ने समर्थन मूल्य बढ़ाकर 2500 रुपए तक कर दिया है।

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