Chandigarh Mayor Election: कैमरा देखकर बैलट पेपर खराब करता दिखा अधिकारी, CJI ने लताड़ लगा दी

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई गड़बड़ी को लेकर मुख्य न्यायाधीश DY चंद्रचूड़ पीठासीन अधिकारी पर भड़क गए। अधिकारी अनिल मसीह को वीडियो में मत पत्र में कलम चलाते हुए देखा जा सकता है।
Justice was angry with the presiding officer
Justice was angry with the presiding officerSocial media

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। बीते दिनों चंडीगढ़ में हुए मेयर चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। इसके खिलाफ आम आदमी पार्टी ने कोर्ट का रुख किया। अब चुनाव अधिकारी का ऐसा वीडियो सामने आया है कि CJI डीवाय चंद्रचूड़ ने कहा कि ये हरकत लोकतंत्र की हत्या के समान है। CJI ने पीठासीन अधिकारी पर केस चलाने के आदेश दिए हैं। जो वीडियो सामने आया है उसमें पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह खुद बैलट पेपर खराब करते दिख रहे हैं, वीडियो में वो सीसीटीवी कैमरे की तरफ भी देखते दिख रहे हैं।

कोर्ट ने दिया सख्त आदेश

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई गड़बड़ी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की पीठ सुनवाई कर रही थी।  इसमें मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूर्ण, न्यायाधीश जे बी पारदीवाला  और न्यायाधीश मनोज मिश्रा थे। पीठ ने आदेश देते हुए कहा कि मेयर चुनाव के सभी रिकॉर्ड को जब्त कर पंजाब  वा हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्टर जनरल के पास रखा जाए। इसके साथ ही सभी बैलेट पेपर और विडियो ग्राफी को भी संभालकर रखा जाए। हमारे अगले आदेश तक अभी  चंडीगढ़ निगम की आगामी बैठक स्थगित रहेगी।

आम आदमी पार्टी ने अनिल मसीह का एक वीडियो पोस्ट किया है। इस वीडियो में दिख रहा है कि अनिल मसीह इंडिया गठबंधन के पक्ष में डाले गए बैलेट पेपर को पेन से डॉट लगाकर खराब कर रहे हैं। वो कैमरे में देख भी रहे हैं कि कहीं पकड़े न जाएं। AAP ने दावा किया है कि अनिल मसीह बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे में पदाधिकारी रह चुके हैं। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर बेईमानी से चुनाव जीतने के आरोप लगाए हैं।

क्या फिर होंगे चुनाव?

मेयर चुनाव का वीडियो देखने के बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अनिल मसीह ने जो हरकत की है, उसके लिए उन्हें सज़ा मिलनी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि ज़रूरत पड़ी तो वो चंडीगढ़ मेयर चुनाव दोबारा कराएंगे।

क्या हुआ था चुनाव में

चंडीगढ़ में 30 जनवरी को हुए मेयर पद के चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की थी, वहीं गठबंधन पार्टी कांग्रेस और AAP ने धांधली का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था पीठासीन अधिकारी ने 8 मतपत्र जानबूझकर अमान्य घोषित कर दिए। जबकि गठबंधन के पास बहुमत था।

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