इस्लामाबाद, रफ्तार डेस्क। भारत में हुए एससीओ की बैठक में पाकिस्तान के हाथ कुछ नहीं आया है। इस बैठक में भारत, पाकिस्तान, रूस , चीन के विदेश मंत्री मौजूद थे। भारत के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को आतंकवाद का प्रवक्ता बताया साथ ही पाकिस्तान द्वारा कब्जा किए गए हिस्सें को जल्द खाली करने की चेतवानी दे डाली है।
वहीं पाकिस्तान के चैंपियन देश चीन के विदेश मंत्री चीन के विदेश मंत्री चिन गैंग ने इस्लामाबाद पहुंचते ही पाकिस्तान की मदद को अपनी प्राथमिकता बना लिया है. पाकिस्तानी नेताओं के साथ बैठक में उन्होंने चीन-पाकिस्तान संबंधों को और मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया।
पाकिस्तान के मदद करना चीन की प्राथमिकता
भारत में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद पाकिस्तान पहुंचे चिन गान ने कहा कि वह पाकिस्तान की आर्थिक कठिनाइयों से अवगत हैं और पाकिस्तान की सहायता उनकी "प्राथमिकता" है। उन्होंने पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से भी मुलाकात की। पाकिस्तान के राष्ट्रपति के कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए काम करने और बाहरी चुनौतियों का एक साथ सामना करने का फैसला किया।
पाक- चीन की दोस्ती चट्टान की तरह
चिन गैंग ने कहा कि चीन-पाकिस्तान दोस्ती किसी भी स्थिति की कसौटी पर खरी उतरी है। उन्होंने कहा कि दोस्ती चट्टान की तरह मजबूत होती है। चीन ने कहा कि तेजी से बदलती दुनिया में पाकिस्तान और चीन को अपनी दोस्ती को और मजबूत करना चाहिए। उन्हें द्विपक्षीय सहयोग को इस हद तक मजबूत करना चाहिए कि वे क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों का सामना कर सकें।
पाकिस्तान CPEC और ग्वादर पोर्ट को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध
चिन गण ने कहा कि पाकिस्तान की मदद करना उनके देश के लिए प्राथमिकता है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि चीन ने पाकिस्तानी छात्रों को चीन में पढ़ने का अवसर देने का फैसला किया है। दूसरी ओर, पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने चीनी विदेश मंत्री को आश्वासन दिया कि पाकिस्तान CPEC और ग्वादर पोर्ट को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इन परियोजनाओं से द्विपक्षीय व्यापार के साथ-साथ क्षेत्रीय व्यापार और संचार को बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।