G-20 सम्मेलन से पहले चीन ने चली नई चाल, अरुणाचल-अक्साई चिन को दिखाया अपने नक्शे में; कांग्रेस ने जताया विरोध

कांग्रेस ने चीन की ओर से जारी किए गए नए नक्शे पर विरोध जताया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन पूर्णरूप से भारत का हिस्सा है।
G-20 सम्मेलन से पहले चीन ने चली नई चाल
G-20 सम्मेलन से पहले चीन ने चली नई चाल

नई दिल्ली,हि.स.। भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले चीन ने क्षेत्रीय दावों को दर्शाते हुए नया आधिकारिक मानचित्र जारी किया है। इस नए नक्शे में भारत के पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन क्षेत्र को चीन की सीमाओं के भीतर दिखाया गया है। चीन की सरकार ने यह नक्शा 28 अगस्त को जारी किया।

''नाइन-डैश लाइन'' को पिछले संस्करणों की तरह दिखाया मानचित्र पर

चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय के इस नए नक्शे में अपनी पश्चिमी सीमाओं पर क्षेत्रीय दावे करने के साथ ही पूरे दक्षिण चीन सागर को कवर करने वाली तथाकथित ''नाइन-डैश लाइन'' को पिछले संस्करणों की तरह मानचित्र पर दिखाया है। पिछले मानचित्रों की तरह एक ''दसवां डैश'' ताइवान के पूर्व में रखा गया है, जो द्वीप पर बीजिंग के दावों को रेखांकित करता है।

राजधानी ईटानगर के करीब का एक शहर भी शामिल

नवीनतम मानचित्र अप्रैल में बीजिंग की घोषणा के बाद आया है कि वह अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों के नामों को ''मानकीकृत'' करेगा, जिसमें अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के करीब का एक शहर भी शामिल है। यह अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का ''नाम बदलने'' वाली तीसरी ऐसी सूची थी। चीन का यह नया नक्शा तब सामने आया है, जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नई दिल्ली में 9-10 सितंबर को होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है।

बढ़ावा देने के लिए किया गया था पारित

रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक उपयोग के लिए मानक मानचित्र जारी करने के बाद प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय स्थान आधारित सेवाओं, सटीक कृषि, प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था समेत विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग के लिए ''डिजिटल मानचित्र और नेविगेशन और पोजिशनिंग'' भी जारी करेगा। इस वर्ष पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के सर्वेक्षण और मानचित्रण कानून की 30वीं वर्षगांठ है, जिसे सर्वेक्षण और मानचित्रण प्रशासन को मजबूत करने और इसके विकास को बढ़ावा देने के लिए पारित किया गया था।

नए नाम जारी करना कानून के अनुच्छेद 7 से संबंधित

बीजिंग ने 2022 में एक नया सीमा कानून पारित करके सीमा क्षेत्रों के प्रबंधन को कड़ा कर दिया है, जो चीन में नागरिक और सैन्य अधिकारियों के लिए विभिन्न जिम्मेदारियों को सूचीबद्ध करता है। नए नाम जारी करना कानून के अनुच्छेद 7 से संबंधित है, जो सरकार के सभी स्तरों पर सीमा शिक्षा को बढ़ावा देने का आह्वान करता है। अनुच्छेद 22 चीनी सेना को सीमा पर अभ्यास करने और आक्रमण, अतिक्रमण और उकसावे को दृढ़ता से रोकने और मुकाबला करने के लिए कहता है। जारी किए गए नए नक्शे को इसी सीमा कानून से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

खड़गे ने चीन की ओर से जारी किए गए नए नक्शे पर जताया विरोध

कांग्रेस ने चीन की ओर से जारी किए गए नए नक्शे पर विरोध जताया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन पूर्णरूप से भारत का हिस्सा है। चीन की ओर से जारी किया गया ऐसा कोई नक्शा हमें स्वीकार नहीं जो हमारी अखंडता के खिलाफ हो।

एलएसी पर चाहते हैं शांति

खड़गे ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत के क्षेत्रों के ऐसे किसी भी अवैध प्रतिनिधित्व या नाम बदलने पर कड़ी आपत्ति जताती है। हम चीन सहित अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व चाहते हैं और एलएसी पर शांति चाहते हैं।

शी जिनपिंग से चार दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात हुई

कांग्रेस की ओर से जारी एक अन्य ट्वीट में चीन के मुद्दे को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा गया। कांग्रेस ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से चार दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात हुई। भारत सरकार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर सख्त लहजे में चीन से बात की है। इस मुलाकात के बाद अब चीन ने एक नक्शा जारी किया है। जिसमें वह अरुणाचल और अक्साई चिन को अपना हिस्सा बता रहा है। कांग्रेस ने पीएम मोदी से सवाल पूछा है कि यह कैसा सख्त लहजा है कि चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा?

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