
नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। टमाटर की बढ़ती कीमत को लेकर अब शियासत तेज हो गई है। विपक्ष के नेताओं ने एक बार फिर बीजेपी को महंगाई के मुद्दे पर घेरना शुरू कर दिया है। इस बार विपक्षी नेताओं के निशाने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण है। शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने इसी सिलसिले में एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने टमाटर के दाम को लेकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पर तंज कसा। प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'क्या इस देश की वित्तमंत्री टमाटर खाती हैं? क्या वह टमाटर के बढ़ते दामों को लेकर जवाब देने में सक्षम हैं?'
तेजी से बढ़े हैं टमाटर के दाम
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों में टमाटर के दाम 10-20 रुपए प्रतिकिलो से बढ़कर 80 से 100 रुपए प्रतिकिलो तक हो गए हैं। जहां मई में जो टमाटर की कीमतें थोक बाजार में 3-5 रुपये किलो और खुदरा बाजार में 10-20 रुपये किलो थीं। वो अब जून में अचानक बढ़ गई और अब 100 रुपये के पार है। पिछले हफ्ते टमाटर की कीमतों में लगभग तीन गुना उछाल देखने को मिला है। अब दिल्ली में एक किलो टमाटर 70 से 100 रुपये किलो मिल रहा है।
मैं प्याज और लहसुन नहीं खातीं तो चिंता मत करिए
असल में शिवसेना नेता का यह ट्वीट निर्मला सीतारमण के एक जवाब पर कटाक्ष है। दरअसल हुआ यूं था कि साल 2019 में सदन के शीतकालीन सत्र में प्याज की बढ़ती कीमतों पर हंगामा मचा हुआ था। विपक्ष ने इसको लेकर वित्तमंत्री से सवाल किया तो उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि वह एक ऐसे परिवार से आती हैं, जहां प्याज-लहसुन ज्यादा नहीं खाया जाता है। उन्होंने कहा था, ''मैं प्याज और लहसुन नहीं खातीं तो चिंता मत करिए। इसको लेकर ही कांग्रेस और शिवसेना ने सीतारमण पर तंज कसा है।
कांग्रेस महसचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाने के सामान में टमाटर, प्याज और आलू को प्राथमिकता की बात कही थी, लेकिन उनकी गलत नीतियों के कारण पहले टमाटर सड़क पर फेंका जाता है, और फिर 100 रुपये किलो बिकता है।
क्यों महंगा हुआ टमाटर
बीते कुछ समय में बेमौसम बारिश ने टमाटर की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। इसके साथ कई राज्यों में गर्मी के कारण इसके प्रोडक्शन में गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा बिपरजॉय तूफान के कारण हुई बारिश से महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में टमाटर की फसल प्रभावित हुई है। जबकि टमाटर की पैदावार करने वाले शीर्ष राज्यों में गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं। जहां बिपरजॉय का सबसे अधिक प्रकोप देखने को मिला था। और इस साल टमाटर की बुआई कम होने से भी उत्पादन में कमी आई है, जिसे कीमतों में बढ़ोत्तरी का कारण माना जा सकता है।